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अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र के ऐलान के अगले दिन 15 जून 2022 को ही मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कर दी थी सरकार की मंशा

अग्निवीरों को पुलिस और राज्य के अन्य विभागों की भर्ती में मिलेगी प्राथमिकता: मुख्यमंत्री धामी

 

अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र के ऐलान के अगले दिन 15 जून 2022 को ही मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कर दी थी सरकार की मंशा


धामी ने कहा, मां भारती की सेवा के बाद अग्निवीरों को राज्य के विभिन्न विभागों में प्राथमिकता के साथ समायोजित करेगी सरकार

 

राज्य में युवाओं के सर्वांगीण विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने को सरकार प्रतिबद्ध

जरूरत पड़ी तो अग्निवीरों को आरक्षण देने के लिए विधेयक भी ला सकती है सरकार:धामी

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती के ऐलान के अगले दिन यानी 15 जून को ही राज्य सरकार ने अग्निवीरों के हितों को लेकर अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया था। मां भारती की सेवा के उपरांत कोई भी अग्निवीर खाली नहीं बैठेगा। राज्य सरकार अग्निवीरों को पुलिस फोर्स के अलावा राज्य के विभिन्न विभागों में प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करेगी। इसके लिए आरक्षण के प्रावधान पर कैबिनेट में फैसला लेने या फिर विधेयक लाने में भी सरकार पीछे नहीं हटेगी।इसके लिए सरकार ने अधिकारियों को भी प्राथमिकता के साथ ठोस प्रस्ताव तैयार कर जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार अग्निवीरों के भविष्य को लेकर गंभीर है। यही कारण है कि देश में अग्निपथ योजना के अगले दिन 15 जून 2022 को ही मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी थी। धामी सरकार ने योजना लागू होते ही अग्निवीरों को पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, आपदा प्रबंधन जैसी फोर्स और अन्य सरकारी विभागों में प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करने का ऐलान कर दिया था। उस वक्त यह निर्णय लेने वाला उत्तराखंड पहला राज्य था। चूंकि, एक जनवरी 2023 में भर्ती हुए अग्निवीरों में से 75 फीसद जवान 2026 तक रिटायर्ड होंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों और सैनिक कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि वह अग्निवीरों की सुरक्षा को लेकर जल्द ठोस कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा कि अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने तथा आगामी विधानसभा सत्र में आरक्षण विधेयक पर भी फैसला लिया जाएगा, ताकि किसी भी सूरत में अग्निवीरों और उनके परिजनों में असुरक्षा की भावना न पनपे।
मुख्यमंत्री धामी ने दोहराया कि अग्निवीरों की सुरक्षा को लेकर सरकार दो साल पहले ही अपनी मंशा स्पष्ट कर चुकी है, ऐसे में राज्य के अग्निवीरों और उनके परिजनों को किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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