राज्य की सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों का कोटा बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अधिकारियों को मौजूदा पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण में संशोधन का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड ने इसे 15 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। सोमवार को सीएम आवास में हुई बोर्ड की छठी बैठक में बोर्ड अधिकारियों ने यह प्रस्ताव रखा। 2018 में भी यह प्रस्ताव रखा गया था। सीएम ने आरक्षण पर निर्णय लेने में देरी पर नाराजगी जताते हुए अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन कर प्रस्ताव देने को कहा। सीएम ने ब्लॉक प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए भी प्रस्ताव बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, पूर्व सैनिकों को होम स्टे, सौर ऊर्जा, ग्रोथ सेंटर और बायोमास नीति (पिरुल नीति) के क्षेत्र में रोजगार से जुड़ने को प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में एसीएस राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, जीओसी सब एरिया मेजर जनरल आरएस ठाकुर, निदेशक सैनिक कल्याण, ब्रिगेडियर (सेनि.) केबी चंद, उप निदेशक विजय सिंह थापा आदि मौजूद रहे।
ये सुविधाएं भी मिल सकती हैं
1. रोडवेज बसों में वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिक, उनकी विधवाओं, युद्ध के दौरान घायल और अपंग सैनिकों को नि:शुल्क यात्रा।
2. सेना के स्नातक एवं मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्रों को केन्द्र की तर्ज पर मान्यता।
3. दूसरे विश्वयुद्ध के शहीद सैनिकों के अपंग, पुत्र-पुत्री, विधवा, अविवाहित पुत्री को वृद्धावस्था पेंशन।
4. सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती के पदों पर आयु सीमा में केंद्र के समान पांच साल छूट।
5. चयन प्रक्रिया के पदों में सेना की कुल सेवा में तीन साल जोड़कर आयु सीमा में छूट