समान नागरिक संहिता में पुरुष व महिलाओं के तलाक से संबंधित विषयों में तलाक लेने के समान कारण व अधिकार रखे गए हैं
धामी जी के समान नागरिक संहिता में सभी वर्गों के लिए पुत्र और पुत्री को संपत्ति में समान अधिकार दिया गया है
समान नागरिक संहिता में विवाह व तलाक का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा
समान नागरिक संहिता में एक पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूर्णतया प्रतिबंधित होगा
धामी जी का समान नागरिक संहिता: हलाला, इद्दत जैसी को प्रथाओं का धामी जी ने कर दिया अंत
समान नागरिक संहिता में विवाह की आयु लड़कों के लिए 21 वर्ष वे लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई है
धामी जी का UCC: पति पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 साल तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास ही रहेगी
वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा
धामी जी का UCC : सभी अनुसूचित जनजातियां समान नागरिक संहिता से बाहर
UCC: किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी व बच्चों को समान अधिकार दिया
जनजातियों का व उनके रीति रिवाजों के संरक्षण के लिए सभी अनुसूचित जनजातियां समान नागरिक संहिता से बाहर
लिव-इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को लिव-इन में रहने हेतु अनिवार्य पंजीकरण एक रजिस्टर्ड वेब पोर्टल पर कराना होगा
लिव-इन में रहने वाले अनिवार्य पंजीकरण न करने पर 6 माह का कारावास या 25000 के दंड या दोनों का प्रावधान
UCC: संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया हैनाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान ही माना गया है
धामी जी का UCC: विवाह एक पुरुष व एक महिला के मध्य ही हो सकेंगे
हलाला जैसे प्रकरण सामने आने पर 3 साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रावधान
मुख्यमंत्री धामी जी के UCC मे सभी प्रकार के बच्चों के अधिकारों व उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया
समान नागरिक संहिता में पार्टीज टू मैरिज को को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है विवाह एक पुरुष व एक महिला के मध्य ही हो सकेंगे
समान नागरिक संहिता में सभी प्रकार के बच्चों के अधिकारों व उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया
. समान नागरिक संहिता में विवाह की आयु लड़कों के लिए 21 वर्ष वे लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित की गई है
पुरुष व महिलाओं के तलाक से संबंधित विषयों में तलाक लेने के समान कारण व अधिकार रखे गए हैं
*वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा*
*समान नागरिक संहिता में एक पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूर्णतया प्रतिबंधित होगा*
*विवाह व तलाक का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए जन्म व मृत्यु पंजीकरण के समान विवाह और तलाक का पंजीकरण ग्राम, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका स्तर पर ही कराना संभव होगा। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह पंजीकरण एक वेब पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा*
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