जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन के तहत जिले में सबसे पहले निर्मित इस पंपिंग पेयजल योजना का काम पूरा होने पर संतोष व्यक्त किया

 

 

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जल जीवन मिशन के तहत निर्मित पटारा पंपिंग पेयजल योजना का निरीक्षण कर इस योजना के परीक्षण चरण को शीघ्र पूरा कर संबंधित गांवों में जलपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन के तहत जिले में सबसे पहले निर्मित इस पंपिंग पेयजल योजना का काम पूरा होने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसी तरह अन्य सभी योजनाओं को भी समय से व गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाना जरूरी है।

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट इन दिनों जल जीवन मिशन की बड़ी योजनाओं के स्थलीय निरीक्षण में जुटे हैं। विगत दिनों नौगांव ब्लॉक में निर्माणाधीन पांटी एवं देवराणा पंपिंग पेयजल योजनाओं का निरीक्षण करने के बाद आज जिलाधिकारी ने आज डुंडा ब्लॉक की पटारा पंपिंग पेयजल योजना का मुआयना किया। जिले में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत पंपिग पेयजल योजना में यह योजना सबसे पहले बनकर तैयार हुई है। पटारा, मालना, कल्याणी, फेडी और जखारी गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए बनाई गई इस योजना की स्वीकृत लागत रू. 4.62 करोड़ आगणित की गई थी जिसके सापेक्ष इस योजना का काम रू. 3.78 करोड़ में संपन्न कराया गया है। इस योजना के लिए नालूपानी के निकट से गंगा नदी का पानी पंप कर लगभग चार कि.मी. लंबी राईजिंग मेन लाईन द्वारा वितरण टैंकों तक पहॅुचाए जाने की व्यवस्था की गई है। जिसके लिए नागराजाधार में 150 किलोलीटर तथा जखारी में 80 किलोलीटर क्षमता के वितरण टैंक बनाए गए हैं। पानी को इन टैंकों तक तीन चरणों की पंपिंग प्रक्रिया से पहुंचाने की व्यवस्था की गई है और इसके लिए तीन राईजिंग मेन टैंक भी बनाए गए हैं। योजना के तहत गांवों तक लगभग दस कि.मी. लंबाई की वितरण लाईनों के जरिए जलापूर्ति होगी।

जिलाधिकारी ने पटारा गांव जाकर योजना के पंपिंग स्टेशन, राईजिंग मेन, टैंकों आदि कार्यों का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने कहा कि पटारा पंपिंग योजना के बनने के बाद इस क्षेत्र की पेयजल समस्या का स्थायी व गुणवत्तायुक्त समाधान उपलब्ध हो गया है। जिलाधिकारी ने इसके लिए ग्रामीणों को बधाई देने के साथ ही क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों के सहयोग व जल संस्थान के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर जिलाधिकारी ने योजना के संचालन एवं रख-रखाव का बेहतर प्रबंध किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी पंपिंग स्टेशनों के बीच वाकी-टॉकी से संचार की व्यवस्था किए जाने के साथ ही निगरानी के लिए स्काडा सिस्टम की स्थापना भी की जाय।

जिलाधिकारी ने इस दौरान ग्रामीणों से भी भेंट की। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन मिशन एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। जिले में मिशन के तहत स्वीकृत कार्यों को सही ढंग से क्रियान्वित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिले में जल जीवन मिशन के तहत पन्द्रह पंपिंग योजनाएं स्वीकृत हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि बड़ी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर योजनाओं की प्रगति की वस्तुस्थिति परखने और योजना से लाभन्वित होने वाले ग्रामीणों का फीडबैक लेने की शुरूआत की गई है। ताकि तय मानकों के अनुसार योजनाओं का समय से गुणवत्तायुक्त निर्माण संपन्न करवाया जा सके और खामियांं को दूर करवाया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि योजना के तय मानकों के दायरे में न आने वाले तोकों में जलापूर्ति के लिए भी विचार-विमर्श कर कोई उपयुक्त समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख डुंडा शैलेन्द्र कोहली ने कहा कि जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के जरिए सरकार ग्रामीणों की जिन्दगी को आसान बनाने के लिए अभूतपूर्व प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की पेयजल समस्या दूर करने के लिए पटारा पंपिंग योजना एक महत्वपूर्ण सौगात है।
योजना की कार्यदायी संस्था उत्तराखंड जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि पटारा पंपिंग पेयजल योजना के जलापूर्ति क्षमता तीन लाख साठ हजार लाटर प्रतिदिन है। इस योजना से पांच गांवों के 661 परिवारों की 2598 जनसंख्या लाभान्वित होगी। तय मानकों के अनुसार इस योजना को 3430 की आबादी के लिए जलापूर्ति करने के लिए डिजायन किया गया है। जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इन दिनों टैंकों तक पानी चढाकर योजना का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के अब तक के नतीजे सफल रहे हैं।
इस दौरान जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एल सी रमोला, सहायक अभियंता एल.एस. कुमांई, ग्राम प्रधान पूजा आदि भी उपस्थित रहे।

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