दुःखद :- उत्तराखंडी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता व नामी रंगकर्मी अशोक मल का निधन, फ़िल्म जगत में शोक की लहर, मुख्यमंत्री ने कहा कलाकार कभी नहीं मरते, उनकी यादें सदैव जिंदा रहती हैं..
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दुःखद :- उत्तराखंडी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता व नामी रंगकर्मी अशोक मल का निधन, फ़िल्म जगत में शोक लहर, मुख्यमंत्री ने कहा कलाकार कभी नहीं मरते, उनकी यादें सदैव जिंदा रहती हैं..
देहरादून।
प्रसिद्ध समाजसेवी अभिनेता अशोक मल्ल जी के निधन से मुंबई से लेकर उत्तराखंड तक शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तराखंडी फिल्म जगत के आधार स्तंभ के रूप में अनेक फिल्मों से पहाड़ में फिल्म उद्योग को सींचने वाले अशोक मल्ल जी ने गढवाली फिल्म कौथिग, गोपीभीना, बंटवारू, मेरी गंगा होली त मैमा आली, चक्रचाल जैसी हिट फिल्में दी हैं।
अभिनेता अशोक मल्ल ने उत्तराखंडी फिल्म गोपीभीना में खुद डायरेक्टर की भूमिका में पहाड़ की खूबसूरत वादियों में फिल्मांकन की संभावनाओं की मजबूत बुनियाद बनाई।उत्तराखंड के सुपर स्टार एक महान समाजसेवक और एक अच्छे इंसान के असमय चले जाने से मुंबई के तमाम लोगों ने संवेदना व्यक्त करते हुए गहरा दुख जताया है
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शोक संवेदना व्यक्त की।मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंण्ड की आंचलिक फिल्मों के अभिनेता, नामी रंगकर्मी अशोक मल जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। कलाकार कभी नहीं मरते, उनकी यादें सदैव जिंदा रहती हैं। भावभीनी श्रद्धांजलि।
उत्तराखंडी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता व उनके साथ काम कर चुके बलराज राणा ने कहा अशोक मल जी उत्तराखंड फिल्मों म एक बेहतरीन अभिनेता थे। जो *1986 सी लगातार 2020* आज तक बतौर अभिनेता, लेखक, निर्देशक का रुप म उत्तराखंड को गौरव बढ़णा छिन। भाई अशोक माल जी द्वारा फिल्म व रंगमंच मा अभिनीत/ निर्देशित/ नृत्य निर्देशक को विवरण,
*1- कौथिग* (मुख्य अभिनेता) 1987 गढ़वाली फिल्म *2- मेघा आ* (मुख्य खलनायक) 1987 कुमाऊंनी फिल्म *3- बंटवारू*। (नायक का बड़ा भाई) 1992 गढ़वाली फिल्म *4- चक्रचाल*। (नायक का बड़ा भाई) 1997 गढ़वाली फिल्म *5- मेरी गंगा होलि त मीमू आली* (मुख्य नायक) 2004 उत्तराखंडी फिल्म *6- गोपी भैना* (निर्देशक) 2016 उत्तराखंडी फिल्म
*उत्तराखंडी रंगमंच मुंबई*
1 *रामलीला मुंबई* (स्थान -चेंबूर) 1984 से 1986 तक हनुमानजी कि भूमिका निभाई।
*पर्वतीय नाटक मंच* के अंतर्गत अभिनित व नृत्य निर्देशित 2- *प्यारी जन्मभूमि उत्तराखंड* 17 नवंबर 1994 मुंबई दामोदर हाल *नृत्य निर्देशक* 3 – *वीरभड़ माधोसिंह भंडारी* 11 सितंबर 1995 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल *नृत्य निर्देशक* 4- *सत्यवान सावित्री* 10 जनवरी 1996 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल *नृत्य निर्देशक* 5- *सिमन्या समधी* 9 फरवरी 1997 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल *मुख्य नायक* 6- *चला कौथिग देखी ओला* 9 फरवरी 999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल *नृत्य निर्देशक* 7- *कख बोली मेरी डांडी कांठी* 14 दिसंबर 1999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल *नृत्य निर्देशक* 8- *सरूली मेरु जिया लगीगे* 13 जनवरी 2004 मुंबई षणमुखानंद हॉल *मुख्य नायक*
9- *मुंबई कौथिग* प्रथम बार नवी मुंबई म स्थापना 2009 तीन दिवसीय भव्य आयोजन, प्रथम बार उत्तराखंड संस्कृति विभाग की टीम मुंबई में *आयोजक /निर्देशक*
येका अलावा अनेक हिंदी धारावाहिक *व* पृथ्वी थिएटर मुंबई म कई हिंदी नाटकों मैं अभिनय व कई उत्तराखंडी नाटकों म भाई अशोक माल जी ने कार्य किया।