सर्वोच्च न्यायालय के प्रमोशन में आरक्षण को लेकर आए फैसले के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर आई उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने सोमवार को अपनी स्थिति साफ की। सरकार ने वर्ष 2012 में तत्कालीन विजय बहुगुणा मंत्रिमंडल के निर्णय की कापी जारी की है। इसके अनुसार कांग्रेस सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण नहीं दिए जाने का निर्णय लिया था।
सरकारी सेवाओं में पदोन्नतियों में आरक्षण दिए जाने को लेकर एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हो गई है। कांग्रेस की केंद्रीय लीडरशिप के उत्तराखंड सरकार को घेरने के बाद त्रिवेंद्र सरकार तुरंत डैमेज कंट्रोल को आगे आई।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने 9 नवंबर 2012 को तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की कैबिनेट के निर्णय को सार्वजनिक किया। निर्णय के अनुसार प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को समाप्त किया गया था। इसके बाद इसी क्रम में निर्णय लिए जाते रहे हैं।