कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी  संत रविदास जयंती के मौके पर वाराणसी पहुंची। जहां उन्होंने रविदास की जन्मभूमि सीर गोवर्धन पहुंचकर, पहले मंदिर में मत्था टेका और लंगर भी छका।

जिसके बाद प्रियंका ने एक कार्यक्रम में कहा कि संत शिरोमणि ने एक भेदभाव रहित समाज का सपना देखा था। उन्होंने  कहा कि देश के संविधान में भी यही कोशिश की गई। देश को आज भी संत रविदास के दर्शन की जरूरत है।

कांग्रेस महासचिव ने मौजूदा नफरत भरे माहौल में उनकी शिक्षा को आमजन के बीच पहुंचाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि आज देश को संत के उस दर्शन की जरूरत है, जिसमें सबका सम्मान हो।

आपको बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की महासचिव बनने के बाद पांचवीं बाद काशी पहुंची थी।

गौरतलब है कि वाराणसी में संत रविदास की जन्मस्थली में उनका मंदिर बना है। जिसे दलित समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान माना जाता है।

दिलचस्प बात ये है कि  मत्था तो प्रियंका गांधी ने टेका, लेकिन बल बसपा सुप्रीमो मायावती के पद गए।

बहिन जी ने बिना प्रियंका के नाम लिए ट्वीट करके तंज कसा। उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस-भाजपा और अन्य पार्टियां यहां उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के चलते संत गुरु रविदास जी को कभी भी मान-सम्मान नहीं देती हैं। लेकिन सत्ता में बाहर होने पर अपने स्वार्थ में इनके मंदिरों में जाकर तरह तरह के नाटक जरूर करती हैं। इनसे सतर्क रहें’।

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