कैबिनेट की बैठक बुद्धवार को , प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों पर सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
धामी मंत्रिमण्डल बैठक दिनांक 05 जनवरी, 2022 को 5:00 बजे अपराहन राज्य सचिवालय के विश्वकर्मा भवन में स्थित वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली ’सभागार’ (पंचम तल),देहरादून में होगी। माना जा रहा है किस कैबिनेट बैठक में लंबित मामलों के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए प्रदेश में कुछ कड़े प्रतिबंध लगाने को लेकर भी सरकार फैसला ले सकती है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली में जहां कोरोना के मामले बढ़ने के बाद कड़े प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है वहीं उत्तराखंड में अभी तक राज्य सरकार ने केवल नाइट कर्फ्यू लगाने के बहुत ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगाए हैं जबकि उत्तराखंड में अभी तक 8 Omicorn के मामले सामने आए हैं लेकिन कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में संभावना यह है कि सरकार बुधवार की कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला ले सकती हैं
बढ़ते कोरोना के मामले और पाबंदियों की टेंशन…आम लोगों के लिए बीमारी और पांबदियों बीच जीने की दुश्वारी से बढ़कर क्या दुश्वारी होगी? कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से सभी प्रदेशों की सरकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों में हर दिन दोगुना और हर रात चौगुना वृद्धि हो रही है।
देहरादून में कोरोना से हालात बिगड़े
उधर उत्तराखंड भी कोरोना से अछूता नहीं रहा है। इस वक्त उत्तराखंड में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है देहरादून। ये बात भी आप जानते होंगे कि देहरादून से दिल्ली जाने वालों की तादाद हर दिन कितनी होती है? अब जब कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, तो सबसे पहले सार्वजनिक परिवहन पर ही अंकुश लगाया जाता है। माना जा रहा है कि दोनो ही राज्यों की सरकारें कोई बड़ा फैसला ले सकती हैं।
खासतौर पर दिल्ली सरकार जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है। जिन राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन राज्यों से दिल्ली की परिवहन सेवाओं को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इसी क्रम में उत्तराखंड से दिल्ली की परिवहन सेवाओं के मद्देनज़र एक बड़े ऐलान की चर्चा हो रही है।
खबर है कि अगर दिल्ली और देहरादून में कोरोना के केस बढ़े तो रोडवेज सेवाओं पर फिर से ब्रेक लग सकता है। चुनाव का भी वक्त है और कोरोना के केस भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में चुनावी राज्यों के लिए सरकारों का क्या ऐलान होगा? ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा। कोरोना के केस कम हुए तो शायद कुछ राहत मिले लेकिन वर्तमान परिस्थितियां कुछ और भी बयां कर रही हैं।