Sunday, June 29News That Matters

बीकेटीसी द्वारा नयी व्यवस्था कायम किए जाने ने दिखाया असर, ना कोई परेशान हुआ, ना बिगड़ी व्यवस्था, ओर श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में इस साल अब तक 30,546 वीआईपी और वीवीआईपी महानुभाव ने किये दर्शन, इससे (बीकेटीसी) को रूपये 91,63,800 की आय हुईं प्राप्त, बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री धामी की काटी थी, मुख्यमंत्री ने 300 रूपये का शुल्क चुका कर किये थे दर्शन..

श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में इस वर्ष अब तक 30,546 वीआईपी और वीवीआईपी महानुभाव दर्शन कर चुके हैं। इससे श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को रूपये 91,63,800 की आय प्राप्त हुई है।


बीकेटीसी द्वारा जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार इस वर्ष 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात अब तक 8,198 विशिष्ट व अतिविशिष्ट और उनके संदर्भों से आए महानुभावों ने दर्शनों का लाभ उठाया है। इससे बीकेटीसी को रूपये 24,59,400 का लाभ हुआ। इसी प्रकार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात वहां अभी तक 22,348 हजार विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभाव दर्शनों के लिए पहुंचे। इनसे बीकेटीसी को रूपये 67,04,400 प्राप्त हुए।

उल्लेखनीय है कि यात्राकाल में दोनों धामों में वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराती थी और निःशुल्क प्रसाद भी देती थी। वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर अनेक अव्यवस्थाएं भी पैदा होती थीं।

इस वर्ष यात्राकाल से पूर्व बीकेटीसी ने देश के चार बड़े मंदिरों श्री वैष्णोदेवी, श्री तिरूपति बाला जी, श्री सोमनाथ व श्री महाकाल मंदिर में विभिन्न व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए एक – एक अध्ययन दल भेजे थे। इन दलों ने वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर मंदिरों में आने वाले विशिष्ट व अति विशिष्ट महानुभावों से दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा था। बीकेटीसी ने अध्ययन दलों के सुझाव पर प्रति व्यक्ति 300 रूपये निर्धारित किया था।

बीकेटीसी द्वारा नयी व्यवस्था कायम किए जाने के बाद वीआईपी व वीवीआईपी के नाम पर अनावश्यक रूप से दर्शनों के लिए घुसने वालों पर भी रोक लगी है। बीकेटीसी ने इस नई व्यवस्था की शुरुवात इस वर्ष केदारनाथ धाम से शुरू की थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी। मुख्यमंत्री ने 300 रूपये का शुल्क चुका कर दर्शन किये थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *