ब्लैक फंगस के मामले उत्तराखंड में लगातार बढ़ते हुए एम्स में 2 नए मामलों की पुष्टि

ऋषिकेश एम्स में ब्लैक फंगस के दो केस मिले हैं।
दोनों मरीज यूपी के रहने वाले हैं। एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत ने दोनों मरीजों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पुष्टि की है।
 दोनों मरीज कोरोना संक्रमित हैं।

जांच के दौरान दोनों मरीजों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं देहरादून के महंत इंदिरेश अस्पताल और अल्मोड़ा में भी ब्लैक फंगस का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। 
देहरादून के श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की जांच कराई है। मरीज की जांच रिपोर्ट नहीं आई। इसलिए अस्पताल के डॉक्टर मरीज को संदिग्ध ब्लैक फंगस संक्रमित मानकर इलाज कर रहे हैं।
अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि यह मरीज पहले किसी अन्य अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते भर्ती हुए थे। उन्होंने खुद ही अस्पताल आकर आंखों में समस्या होने की बात कही है और ब्लैक फंगस होने का भी संदेह जताया है।
डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर मरीज की जांच कराई है। इसका इलाज भी लक्षणों के आधार पर किया जा रहा हैकोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस की आहट भी शुरू होने लगी है।
अल्मोड़ा जिले में बीमारी का संदिग्ध एक कोरोना संक्रमित मरीज मिला है।
मरीज में रोग के लक्षण पाए जाने पर शनिवार को उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
मरीज की आंख में सूजन के साथ-साथ सर दर्द की होने पर उसे हल्द्वानी रेफर किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा जिला निवासी एक डॉक्टर के 64 वर्षीय बुजुर्ग पिता की पिछले सप्ताह कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद से उन्हें कोविड अस्पताल बेस में भर्ती कर दिया गया था। अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था

इस बीच तीन दिन पूर्व अचानक उनकी आंख में सूजन और तेज सर दर्द की शिकायत बढ़ गई। जिसके चलते कोविड अस्पताल में ही उनका सीटी स्कैन कराया गया। मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अमित आर्या ने बताया कि सीटी स्कैन में ब्लैक फंगस के लक्षण पाए गए हैं। वह कोरोना संक्रमित होने के साथ ही शुगर के मरीज भी हैं। जिससे दिक्कत बढ़ सकती है। लक्षण पाए जाने पर उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

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