जीरो टालरेश वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का दमदार फैसला
त्रिवेंद्र के फैसले के बाद
साधु-संतों में हर्ष का माहौल


ईमानदार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की
छवि बाते कम काम ज्यादा में यूं ही नही गिना जाता
त्रिवेंद्र कहते, बोलते कम है ओर करते अधिक
उनका यही अंदाज़ उन्हें
अन्य राजनेताओं से अलग बनाता है
देवभूमि उत्तराखंड में लगातार किये जा रहे उनके एक के बाद एक साहसिक फैसलों
ने उन्हें राजनेताओं की भीड़ से अलग
कर दिया है
फिर बात चाहे
देवस्थानाम बोर्ड की हो या
गैरसैंण की
अभी हाल ही में त्रिवेंद्र ने
गंगा पर पूर्ववर्ती हरीश सरकार का फैसला पलटकर करोड़ों गंगा भक्तों की भावना का सम्मान किया है।
ओर त्रिवेंद्र के इस निर्णय के बाद हरकी पैड़ी अब एस्केप चैनल नहीं बल्कि अविरल गंगा के रूप में जानी जाएगी।
बेहद भावनात्मक मुद्दे पर लिए गए त्रिवेंद्र के इस निर्णय की खुद हरीश रावत ने भी बधाई दे चुके है
हम सभी जानते है कि
पतित पावनी गंगा केवल एक नदी नहीं बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है।
हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रहमकुंड वह स्थान है जहां समुंद्र मंथन से अमृत की बूंदे गिरने का जिक्र पुराणों में है।
इसी के चलते हरकी पैड़ी पर स्नान का विशेष महत्व है। बता दें कि साल 2016 में तत्कालीन हरीश रावत की सरकार ने भागीरथी बिंदु, सर्वानंद घाट भूपतवाला से हरकी पैड़ी, मायापुर और दक्ष मंदिर कनखल तक बहने वाली गंगा की धारा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया था।
तब साधु-संतों ने इसका जमकर विरोध किया था। श्री गंगा सभा ने साल 2017 में बकायदा इस मामले में हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है।
इस बीच, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिस तरह से गंगा को एस्केप चैनल से मुक्त करते हुए हरीश सरकार का फैसला पलटा उससे हरिद्वार समेत देशभर के साधु-संतों में हर्ष का माहौल है
। इसके साथ ही आगामी
2021 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ में गंगा की अविरल धारा पर स्नान का रास्ता भी साफ हो गया है।