कोविड19 शहीद श्राद्धाजंलि यात्रा पहुंची कौलागढ़ ,76 लोगों की गई है कोविड से जान कौलागढ़ में। धस्माना आज आधा दर्जन परिवारों से मिले


कोरोना पीड़ित हुआ किसी अस्पताल में बैड नहीं मिला तो रायपुर स्टेडियम में भर्ती करवाया जहां तीन दिन बाद मृत्यु हो गयी
पिता के जाने से 16 वर्षीय बेटा मानसिक बीमार हो गया,छोटी बेटी है स्कूल जाने वाली
छोटी सी है दुकान और कमाने वाला कोई नहीं
देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व देवभूमि मानव सांसाधन विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना द्वारा शुरू की गई किविड19 शहीद श्राद्धाजंलि यात्रा आज कौलागढ़ पहुंची। धस्माना यह जान कर हैरान रह गए कि अकेले कौलागढ़ क्षेत्र में ही कोविड की दूसरी लहर में छिहत्तर लोगों की मृत्यु हुई है और सरकार का कोई जिम्मेदार जन प्रतिनिधि लोगों की सुध तक लेने नहीं आया। आज श्री धस्माना आधा दर्जन परिवारों से मिले जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस वैश्विक महामारी में खोया उनके परिवारों से मिले। धस्माना भाजपा के कौलागढ़ में बूथ अध्यक्ष स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह भुशाल जिनकी किरोना संक्रमण से मृत्यु हुई उनकी माता जी व उनके सुपुत्र से भी घर जा कर मिले व उनको सांत्वना देने के साथ ही किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया।
कौलागढ़ की सैनिक बस्ती में रहने वाली श्रीमती अंजू सेठी से मिल कर श्री धस्माना भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं। श्रीमती अंजू ने अपने पति को कोरोना में खो दिया। बातचीत में वे सुबक सुबक कर रो पड़ी , कहने लगी ये पॉजिटिव आये और खांसी जुखाम बुखार तेज़ हुआ तो दून अस्पताल से लेकर कहीं भी बैड नहीं मिला तो मजबूरी में रायपुर स्थित राजीव गांधी स्टेडियम ले गए जहां वे तीन दिन भर्ती रहे , अगल बगल में जब कोई मरीज मरता तो वे घबरा जाते, पांच छै घण्टे तक बगल में शव देख कर ही उनको घबराहट हो रही थी और तीसरे दिन ही उनकी मृत्यु हो गयी, घर भी नहीं ला पाए वहीं रायपुर में ही उनका दाह संस्कार कर दिया। वे रोते हुए ही बोली कि उनके जाने के बाद 16 साल का बेटा अजीब अजीब हरकतें कर रहा है, बड़बड़ाता रहता है कभी तालियां बजाने लगता है व अजीब अजीब बातें करने लगा है, वे बोली शायद उसके दिमाग में असर पड़ गया है पिता के जाने का । श्रीमती अंजू ने बताया कि दोनों बच्चे पड़ने वाले हैं चार पांच हज़ार रुपये महीने दोनों की फीस जाती है और अब कोई कमाने वाला घर में नहीं रहा एक छोटी सी दुकान घर के बाहर है गुजारा चलाने को जिसे पति चलाते थे पर अब वे रहे नहीं तो अब भगवान ही मालिक हैं। श्री धस्माना ने श्रीमती अंजू को मदद का आश्वासन दिया व उनके बेटे को अपने ट्रस्ट की ओर से किसी मनोचिकित्सक को दिखवा कर इलाज भी करवाने का भरोसा दिया। श्री धस्माना ने कहा कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रक्खें उनकी फीस का इंतज़ाम भी वे अपने ट्रस्ट की ओर से करेंगे।
धस्माना कौलागड़ में कोविड काल में मृत स्वर्गीय सुख बहादुर गुरुंग,स्वर्गीय विनोद खत्री व स्वर्गीय अशोक राणा के परिजनों से भी मिले व उनको सांत्वना दी। श्रीमती नीरू राणा जिनके पति अशोक राणा कोविड काल में चल बसे ने भी विस्तार से अपनी आप बीती बताई कि किस प्रकार से वो और उनकी बेटी जो ग्यारवीं कक्षा में पड़ती है दोनों संक्रमित हो गए और उनकी दो बहनें भी संक्रमित हो गईं। श्रीमती नीरू के पति अशोक राणा ज्यादा गम्भीर हुए तो उनको अस्पताल में भर्ती करवाने में बड़ी परेशानी हुई और 14 मई को उनकी मृत्यु हो गयी।
धस्माना ने कहा कि कोविड काल के कडुवे अनुभवों का व इंसानियत दोनों के अनगिनत किस्से सामने आ रहे हैं। धस्माना कौलागड़ के दो ऐसे परिवारों में भी गए जहां उन्होंने अपने ऑक्सीजन बैंक से सिलेंडर भिजवाए थे व रैमिडिसेवर इंजैक्शन की व्यवस्था करवाई थी। यात्रा में
प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव पिया थापा, कौलागड़ कांग्रेस वार्ड अध्यक्ष घनश्याम वर्मा व धीरज थापा धस्माना के साथ थे।
धस्माना ने कहा कि उनकी यात्रा अनवरत चलती रहेगी जब तक वे हर पीड़ित परिवार तक न पहुंच जाएं।