देहरादून: हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग चौड़ीकरण के तहत लच्छीवाला में टोल प्लाजा का संचालन गुरुवार से शुरू हो गया है। यहां से गुजरने वाले वाहनों से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से निर्धारित दरों के आधार पर टोल टैक्स अदा करना होगा। एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक लच्छीवाला से एक दिन (24 घंटे) में 15 हजार 500 वाहन गुजरते हैं। यह आकलन बीते समय में कराए गए सर्वे में किया गया। इतने वाहनों से टोल टैक्स वसूल किया जाएगा। आने वाले वक्त में वाहनों की संख्या और भी अधिक होने की उम्मीद है।

कार, जीप, वैन या अन्य हल्के वाहनों के लिए एक बार का शुल्क 85 रुपये तय किया गया है। एक ही दिन में रिटर्न यात्रा करने पर यह शुल्क 125 रुपये होगा।
टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले व्यक्तियों को टैक्स में छूट दी गई है। ऐसे व्यक्ति 275 रुपये महीना देकर मासिक पास बनवा सकते हैं।
टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले व्यक्तियों को मासिक पास के लिए पते के प्रमाण के लिए आधार कार्ड देना होगा। अन्य दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ेगी। पास जारी करने वाली एजेंसी गूगल मैप से संबंधित पते की दूरी निकालेगी और उसके आधार पर पास जारी किए जाएंगे। दूरी के आकलन के लिए संबंधित वार्ड की दूरी का मानक अपनाया जाएगा।
जिले में पंजीकृत कमर्शियल वाहनों को भी टैक्स में भारी छूट दी गई है। विभिन्न श्रेणी के ऐसे वाहनों से सिंगल यात्रा के अनुरूप 40 से 270 रुपये तक वसूल किए जाएंगे।
अन्य कमर्शियल वाहनों के लिए यह शुल्क 135 से 535 रुपये के बीच है।
मासिक पास की व्यवस्था सभी तरह के वाहनों के लिए की गई है। वाहनों की श्रेणी व पंजीकरण के हिसाब से इसका शुल्क 2,765 रुपये से 17 हजार 860 रुपये तक रखा गया है। पास में 50 सिंगल यात्राओं की छूट रहेगी। आने-जाने के मुताबिक यात्रा की अवधि 25 दिन हो जाएगी।
पास बनवाने के लिए वाहन की आरसी के साथ ही मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी बतानी होगी। इसके अलावा कोई व्यक्ति एनएचएआइ की वेबसाइट पर जाकर भी पास बनवा सकता है। मासिक पास के लिए फास्टैग की अनिवार्यता रखी गई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक कुल 34 श्रेणी के वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी गई है। फास्टैग की व्यवस्था के बाद सभी श्रेणी के वाहनों के लिए पास जारी किए जाएंगे। भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष/स्पीकर, केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मुख्य न्यायाधीश/न्यायाधीश, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, सचिव, सैन्य वाहनों, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस और अंतिम संस्कार में जाने वाले वाहन आदि को छूट दी गई है।

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