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पहाड़ के इस जिले के पहली बार भारतीय सेना में अफसर बने तीन होनहार,गांव में दौड़ी खुशी की लहर

उत्तरकाशी : शनिवार का दिन उत्तरकाशी जनपद के लिए खास रहा। जनपद के तीन होनहार युवा भारतीय सेना में अफसर बने हैं। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) पासिग आउट परेड में यह पहला अवसर रहा है, जब उत्तरकाशी के तीन युवा परेड का अंतिम पग पार करते ही भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने हैं।


अमन रमोला के पिता राकेश रमोला भी शिक्षक थे। लेकिन 2012 में एक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। अमन रमोला ने आठवीं तक की पढ़ाई भागीरथी शिशु मंदिर चिन्यालीसौड़ से की, जिसके बाद देहरादून में बलूनी क्लासेस में 12वीं तक की पढ़ाई की। जिसके बाद अमन रमोला का चयन आइआइटी रुड़की में हुआ। आइआइटी करने के दौरान अमन ने एनडीए की परीक्षा पास की, जिसके बाद अमन ने सेना में जाने की राह चुनी। शनिवार को अमन ने पासिग आउट परेड में अंतिम पग भरे तो ये पल अमन की माता के लिए बड़े अनमोल खुशी भरे रहे। सेना में अफसर बनने पर अमन के गांव में खुशी का माहौल है।

सैनिक का बेटा बना सेना में अफसर

उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 12 किलोमीटर दूर मानपुर गांव के सुमित भट्ट भारतीय सेना में अफसर बना है। सुमित के पिता जयप्रकाश भट्ट गढ़वाल राइफल में सैनिक थे तथा गत मार्च माह में सेवानिवृत हुए हैं जबकि माता तामेश्वरी देवी गृहिणी है। सुमित को सेना में जाने की प्रेरणा अपने पिता से मिली है।

बचपन से होनहार सुमित भट्ट ने दसवीं तक की पढ़ाई एमडीएस स्कूल उत्तरकाशी से की। जिसके बाद 12वीं केंद्रीय विद्यालय देहरादून से पढ़ाई की। सुमित का चयन आइआइटी के लिए भी हुआ तथा एनडीए के लिए भी हुआ। लेकिन, सुमित ने देश सेवा के लिए सेना में जाने की राह चुनी। सुमित के मामा भेटियारा निवासी विनय नौटियाल बताते हैं कि सुमित ने शनिवार को पासिग आउट परेड के अंतिम पग को पार किया है तथा भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बना है। सुमित ने सेना में अफसर बन अपना सपना साकार किया है। सुमित की उपलब्धि से मानपुर गांव में खुशी का माहौल है।

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