जनवरी में पीक आवर्स के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बैंकिंग के आधार पर 500 मेगावाट बिजली प्रतिदिन ली जाएगी।

जनवरी में पीक आवर्स के लिए 500 मेगावाट बिजली का इंतजाम
जागरण संवाददाता, देहरादूनः उत्तराखंड में ठंड बढ़ने के साथ बिजली की खपत भी बढ़ गई है। दैनिक विद्युत मांग 50 मिलियन यूनिट के करीब पहुंचने वाली है और जनवरी में इसके और बढ़ने की आशंका है। इसके साथ ही पीक आवर्स में मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता कम होने लगी है। इसके देखते हुए ऊर्जा निगम अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था में जुट गया है। जनवरी में पीक आवर्स के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश से बैंकिंग के आधार पर 500 मेगावाट बिजली प्रतिदिन ली जाएगी।
प्रदेश में कड़ाके की ठंड के साथ बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ने लगी है। वहीं, जल विद्युत परियोजनाओं से विद्युत उत्पादन निम्न स्तर पर बना हुआ है। फिलहाल केंद्र से पर्याप्त बिजली मिल रही है, जिससे किल्लत जैसे हालात नहीं हैं। जनवरी में ऊर्जा निगम की चुनौती बढ़ सकती है। क्योंकि, मांग बढ़ने के साथ ही इस दौरान उत्पादन में और गिरावट आ सकती है।
वर्तमान में प्रदेश की जल विद्युत परियोजनाओं से कुल उत्पादन छह से आठ मिलियन यूनिट तक सिमट गया है। कहीं-कहीं ऊर्जा निगम की ओर से अघोषित बिजली कटौती भी की जा रही है।
आमतौर पर शीतकाल में दिसंबर और जनवरी में ही बिजली की खपत सबसे अधिक रहती है। जबकि, प्रदेश में स्थापित जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन न्यूनतम स्तर पर होता है। ऐसे में ऊर्जा निगम को प्रदेश में विद्युत मांग पूरा करने के लिए बाजार पर निर्भर होना पड़ता है। अब बाहर से महंगी बिजली खरीद के स्थान पर ऊर्जा निगम बैंकिंग पर जोर दे रहा है। हरियाणा से 300 मेगावाट और उत्तर प्रदेश से 200 मेगावाट बिजली जनवरी में ली जाएगी, जिसे गर्मियों में या मानसून सीजन में प्रदेश में विद्युत उत्पादन अधिक होने पर लौटाया जाएगा।
बैंकिंग के तहत हरियाणा व उत्तर प्रदेश से अनुबंध किया गया है। पीक आवर्स में बिजली की मांग चरम रहने पर रोजाना 500 मेगावाट बिजली प्राप्त की जा रही है। फिलहाल जनवरी में ही बैंकिंग की बिजली ली जाएगी। इसके बाद जरूरत पड़ने पर फरवरी में भी बिजली प्राप्त की जा सकती है। गर्मियों के बाद लौटाया जाएगा।
एमआर आर्य, निदेशक परिचालन, ऊर्जा निगम
दिसंबर-जनवरी में प्रदेश में यह रहती है स्थिति
• कुल मांगः 45-50 मिलियन यूनिट
• कुल उपलब्धता: 40-48 एमयू
• केंद्र से आवंटित अंशः 14-18 एमयू
• जल विद्युत परियाजनाओं से उत्पादन: 06- 08 एमयू
• बाह्य स्रोत से: 10-12 एमयू