उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में देवस्थानम बोर्ड बनाए जाने की एक बार फिर से परवी की है। आपको बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में यात्रा प्राधिकरण बनाए जाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रतिक्रिया देते हुए देवस्थानम बोर्ड की वकालत की है।

वीओ- उत्तराखंड में हर साल यात्रा सीजन में भारी संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचते हैं। उत्तराखंड में तीर्थाटन और पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी की तत्कालीन त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था। सरकार ने 25 फरवरी, 2020 को इसकी अधिसूचना जारी कर बोर्ड का गठन किया था। बोर्ड के गठन के बाद से ही हक-हकूकधारियों और पंडा समाज के विरोध के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 30 नवंबर 2021 को बोर्ड भंग कर दिया। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान चारों धामों में भारी तादात में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने के बाद हुई अवस्थाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में इसी बात को ध्यान में रखकर देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था कि तीर्थयार्थियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड को लेकर विजन पर भी स्थिति साफ की और कहा कि इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उत्तराखंड के विकास को लेकर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में तीर्थ यात्रियों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने की पैरवी करते हुए प्रदेश में जल्द ही इसे आकार देने के संकेत दिए हैं।

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