कार्यकर्ताओं के अपार स्नेह व प्यार के चलते पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का 03 दिवसीय कुमाऊं दौरा बना 05 दिवसीय।

– जरूरतमंदों की चिंता, ब्लड बैंकों की रक्त की चिंता, पर्यावरण संरक्षण की चिंता, कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों से मिलना, पूर्व में स्वीकृत कार्यों के निर्माण कार्य का निरीक्षण, सब कुछ तो था त्रिवेन्द्र के कुमाऊं दौरे में।
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आपको बात दें कि 23 जून को शुरू हुए पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का कुमाऊं दौरा काफी प्रभावशाली रहा। पहले यह 03 दिवसीय था लेकिन कार्यकर्ताओं के भरपूर स्नेह व प्यार के चलते इसे दो दिन और बढ़ाया गया यानी पहले यह 23 से 25 जून तक तय था, फिर बाद में इसे 27 जून तक किया गया। दौरे की शुरुआत धामपुर, जसपुर में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत से की उसके बाद जसपुर में पार्टी द्वारा सेवा ही संगठन के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में जरूरतमंदों को पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र द्वारा राशन किट वितरण किए गए।

उसके बाद पूर्व सीएम काशीपुर और हल्द्वानी के लिए रवाना हुए जहां उन्होंने श्याम प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में सेवा ही संगठन के अंतर्गत आयोजित रक्तदान शिविरों में शामिल होकर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया। हल्द्वानी में रक्तदान शिविर के बाद पूर्व सीएम भारतीय जनता पार्टी के हल्द्वानी कार्यालय पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पूर्व सीएम ने सभी से भेंट व वार्ता की।

24 जून को पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री स्व. बची सिंह रावत (बचदा), एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री नेता प्रतिपक्ष स्व. इंदिरा हृदयेश के हल्द्वानी स्थित आवास पर पहुंचे जहां उन्होंने उनके परिजनों को ढ़ाढंस बंधाया। इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र हल्द्वानी में ऐसे बच्चों से उनके घर जाकर मिले जिन्होंने कोरोना महामारी में अपने माता-पिता या अभिभावक को खोया। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और सुरक्षा में हम किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कल के भविष्य इन बच्चों के चहरे पर सदैव मुस्कान रहे इसके लिए हमारी केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है। इसके बाद पूर्व सीएम भीमताल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की स्मृति में आयोजित रक्तदान शिविर में शामिल होकर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया। युवा साथी जोश व उमंग के साथ रक्तदान के लिए आगे आए जिसे देखकर त्रिवेन्द्र काफी खुश दिखे। भीमताल में ही उन्होंने साहसिक खेल संचालकों से भेंट कर उन्हें प्रदेश में साहसिक खेलों की आपर संभावनों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के लिए अलग से निदेशालय बनाने का फैसला हमने लिया था और नीति भी तैयार की जिसे हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल ने भी अपनाया। उन्होंने कहा कि इसे बनाने का हमारा उद्देश्य, इस क्षेत्र से जुड़े हमारे युवा साथियों को प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवाना है। यहां भी उन्होंने भवाली में पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंट कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए गए कार्यों की जानकारी दी।

25 जून को अपने अल्मोड़ा प्रवास के दौरान त्रिवेन्द्र ने वहां के प्रसिद्ध न्याय के देवता गोल्ज्यू महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना कर सभी की खुशहाली की मंगल कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में वृक्षारोपण भी किया। गोल्ज्यू महाराज का आशीर्वाद लेने के बाद त्रिवेन्द्र पहुंचे भारतीय जनता पार्टी अल्मोड़ा अल्पसंख्यक मोर्चा के मंडल अध्यक्ष स्वर्गीय फहीम अहमद जी के आवास पर जहां उन्होंने उनके परिजनों को ढ़ाढंस बंधाया एंव दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। यहां से निकलते ही जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा में पार्टी द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में आयोजित रक्तदान शिविर में शामिल होकर रक्तदाताओं का उनके द्वारा उत्साहवर्धन किया गया। उसके बाद पूर्व सीएम ने वहां स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया और कहा कि संकटकाल में ना ही होगी रक्त की कमीं और ना ही होगी ऑक्सीजन की कमी। इसके बाद पूर्व सीएम सीधा निकले कोसी नदी के उद्गम स्थल काटली जहां उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए पूर्व में किए गए वृक्षारोपण की देख-रेख के साथ ही कार्यकर्ताओं व स्थानीय जनता की उपस्थिति में वहां प्रतीकात्मक वृक्षारोपण भी किया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के बागेश्वर कार्यालय में पहुँचकर पूर्व सीएम आपातकाल दिवस में शामिल हुए। जहां उन्होंने इस आपातकाल के विरोध में उठी हर आवाज को नमन किया।

 

26 जून की शूरुआत पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने भगवान शिव के दर्शन से की। बागेश्वर के प्रसिद्ध श्री बागनाथ मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ाकर पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने भोलेनाथ से सभी की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इसके बाद वे बागेश्वर के जिला चिकित्सालय में भारतीय जनता पार्टी द्वारा श्याम प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में सेवा ही संगठन के अंतर्गत आयोजित रक्तदान शिविर में शामिल हुए जहां उन्होंने रक्तदान वीरों का हौसला बढ़ाया।

27 जून की सुबह पूर्व सीएम ने सरोवर नगरी नैनीताल के प्रसिद्ध श्री मां नयना देवी मंदिर में माता रानी का आशीर्वाद लिया तथा मां नयना देवी से सभी के मंगल की भी प्रार्थना की। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ नैनीताल क्लब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात को सुना। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के लिए उन्होंने उनका आभार भी प्रकट किया। नैनीताल से लौटते समय पूर्व सीएम सूखाताल में रुके जहां उन्होंने निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही नैनीताल को सूखाताल के रूप में एक नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन मिलेगा। आपको बता दें कि सूखाताल 1993 में पूरी तरह से सूख गई थी लेकिन 2011 में इस ताल में भरपूर मात्रा में पानी देखने को मिला।

उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेसी सरकार में इस पूरी जगह को पार्किंग स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बन गयी थी, जिसको लेकर नैनीताल के एक निवासी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में पी आई एल भी दाखिल की थी। अगर यह योजना धरातल पर उतरती तो सूखाताल को पुनर्जीवित करने का हमारा सपना, सपना ही रह जाता।

पूर्व सीएम ने कहा कि वैज्ञानिकों के अनुसार सूखाताल नैनी झील का मुख्य रिचार्ज स्रोत स्थल है। यदि यहाँ पर पाकिंग बनती तो उससे नैनी झील के अस्तित्व पर खतरा मंडराता। उन्होंने कहा कि हमने सूखाताल को पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना बनाई और करीब ₹30 करोड़ का बजट स्वीकृत किया। फरवरी 2021 में यहां पर कार्यों का शिलान्यास भी किया गया।

उन्होंने कहा कि अब इस स्थान के एक छोटे से हिस्से में बहुमंजिला पार्किंग बनाई जा रही है और सूखाताल के मूल हिस्से को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे ताल का मूल स्वरूप भी बना रहेगा और नैनी झील के लिये यह जल स्रोत के रूप में सदैव विद्यमान रहेगा। उन्होंने कहा कि यहां सबसे अच्छी बात यह है कि ताल के चारों ओर की पहाड़ी पर देवदार व अन्य ऐसे वृक्ष है जो झील में पानी के रिचार्ज में काफी सहायक हैं। प्रदेश में पर्यटन की आपर संभावनाओं को देखते हुए भविष्य में सूखाताल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस पूरे कुमांऊँ भ्रमण में पूर्व सीएम का जगह-जगह पर कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया जिसके लिए उन्होंने सभी का आभार भी प्रकट किया।

इसके बाद पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रामनगर के लिए रवाना हुए जहां वे भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित चिंतन शिविर में शामिल हुए।

किस प्रकार कार्यकर्ताओं के स्नेह व प्यार से पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का 03 दिवसीय कुमाऊं भ्रमण 05 दिवसीय बन गया यह हम स्वयं आंकलन कर सकते हैं।

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