मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर में स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण कर स्वर्णिम इतिहास रचा।
यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया।


इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष । प्रेमचंद्र अग्रवाल विधानसभा उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह चौहान सहित क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी थराली विधायक । मुन्नी देवी शाह व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 76 करोड़, 67 लाख, 65 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकापर्ण करते हुए जनपदवासियों को बडी सौगात भी दी।

  हम सभी जानते है कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 4 मार्च, 2020 को सदन में बजट पेश करने के तुरंत बाद गैरसैंण (भराडीसैंण) को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था।
ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण पहुॅचकर स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया।


उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप ही राज्य में विकास कार्यो को आगे बढाने के लिए उनकी सरकार संकलपबद्व है।

स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने भराडीसैंण विधानसभा परिसर में 6071.82 लाख की विकास योजनाओं का शिलान्यास तथा 1595.83 लाख की योजनाओं का लोकार्पण किया।
जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में बुंगीधार-मेहलचैरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी 51 मे डामरीकरण व सुधारीकरण लागत 60 लाख,
गैरसैंण में पुनगांव-विषौणा मोटर मार्ग सुधारीकरण व डामरीकरण लागत 312.93 लाख, गोपेश्वर में ईवीएम वेयर हाउस का निर्माण लागत 223.31 लाख,


पोखरी के विनायकधार में स्व0 नरेन्द्र सिंह भण्डारी की मूर्ति स्थापना एवं पार्क विकास निर्माण कार्य लागत 14.30लाख, भराडीसैंण में हैलीपैड निर्माण लागत 216.76 लाख, राइका थिरपाक में भौतिक, रसायन व जीवविज्ञान प्रयोगशाला निर्माण लागत 82.02 लाख, हाईस्कूल पुडियाणी में रमसा के तहत विविध कार्य लागत 74.14 लाख,
गैरसैंण में अक्षयबाडा पेयजल योजना लागत 83.53 लाख, सारिगंगाव ग्राम समूल पेयजल योजना लागत 94.79 लाख, टंगणी तल्ली से टंगणी मल्ली तक मोटर मार्ग लागत 260.46, कुहेड मैठाणा से रोपा चलधर मोटर मार्ग निर्माण लागत 441.58लाख, कुहेड-मैठाणा पलेठी-सरतोली-मथरपाल-नैथोली मोटर मार्ग लागत 989.23 लाख, मारवाडी-थेंग मोटर मार्ग लागत 813.08 लाख, मारवाडी-पुलना मोटर मार्ग 673.50 लाख, बूंगीधार-मैहलचैरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी 12 से कोलानी मोटर मार्ग लागत 296.69 लाख, रोहिडा-पज्याणा मोटर मार्ग लागत 353.09 लाख, गौचर-ढमढमा मोटर मार्ग लागत 806.04 लाख,
नन्द्रप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के किमी 11 से मंगरोली मोटर मार्ग 182.44 लाख तथा घाट-थराली मोटर मार्ग के किमी 10 से स्यारी मोटर मार्ग लागत 108.23 लाख शामिल है।

जिन योजनाओं को लोकापर्ण किया गया उनमें जिलासू-उत्तरौं मोटर मार्ग डामरीकरण कार्य लागत 185.06 लाख, गैरसैंण में क्रीडा स्थल का विस्तारीकरण तथा विकास कार्य लागत 65.81 लाख, कर्णप्रयाग में बाला से सिरकोट मोटर मार्ग नवनिर्माण लागत 65.81 लाख, आदिब्रदी-नौटी से काॅसुवा होते हुए चांदपुर गढी तक नवनिर्माण कार्य लागत 250.64 लाख, चेपडो गधेरे में लौह सेतु का निर्माण लागत 214.89 लाख, राइका कुराड में कम्प्यूटर, पुस्तकालय एवं आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 50.46 लाख, राउमावि कण्डवाल में कम्प्यूटर, पुस्तकालय एवं आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 55.25 लाख, राउमावि सणकोट मे प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, पुस्तकालय एवं आर्ट क्राफ्ट भवन निर्माण लागत 74.94 लाख, गैरोली-मल्ली ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 154.77 लाख, हेलंग-ल्यारी-उगर्म मोटर मार्ग स्टेज2 लागत 225.35 लाख तथा गीबर से पैब मोटर मार्ग शामिल है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज लिए भराडीसैंण में से बनाए गए कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। 

तो वही राज्य में सड़कों की खस्ता हालात के विरोध में ढंढेरा से लंढौरा तक बैलगाड़ी से तिरंगा झंडे के साथ यात्रा”  करते आज  पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नज़र आये

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