दिल्ली से ख़बर है 

डब्ल्यू एच ओ ने ऐलान कर दिया है कि दुनिया में तीसरी लहर का आगाज हो चुका है। WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस गेब्रेयेसस ने चेतावनी दी है कि विश्व तीसरी लहर के शुरूआती फ़ेज़ में दाखिल हो चुका है और महज वैक्सीन से महामारी नहीं रोक सकते हैं बल्कि लगातार सावधानी रखने की दरकार है।

सावधान रहकर वायरस को रोका जा सकता है और लापरवाही वायरस के प्रकोप को निमंत्रण देना है। डॉ टेड्रोस ने चेताया है कि डेल्टा वैरिएंट अब तक 111 देशों में पहुंच चुका है और रूप बदलकर ज्यादा संक्रामक होता जा रहा है। वायरस का अल्फ़ा वैरिएंट 178 देशों में, बीटा 123 और गामा 75 देशों में पाया जा चुका है। दुनिया में पिछले कुछ हफ़्तों में नए केस बढ़ने और मौतों का आंकड़ा बढ़ने से चिन्ता बढ़ रही है।
भारत में अभी कोरोना की दूसरी लहर पर पूरा तरह से क़ाबू नहीं पाया जा सका है लेकिन तीसरी लहर का खतरा लगातार बना हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR के डिविज़न ऑफ एपिडिमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीजेज के हेड डॉ समीरन पांडा का आकलन है कि अगस्त के अंत तक देश में तीसरी लहर आ सकती है।हालाँकि डॉ पांडा ने कहा है कि तीसरी लहर दूसरी लहर से कम भयावह हो सकती है।
तीसरी लहर की आहट की सबसे बड़ी वजह बन रही कोविड पाबंदियों में मिल रही छूट के बाद लोगों का बेहद लापरवाह व्यवहार। ऐसे समय जब कोविड एपरोप्रिएट बिहेवियर की सख्त दरकार है तब भारत में बाज़ारों, पर्यटन, धार्मिक और राजनीतिक कारणों से भारी भीड़ उमड़ना तीसरी लहर के खतरे को निमंत्रण है।

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