रुद्रप्रयाग- केदारनाथ घाटी में भारी बारिश से नुकसान,
शेरसी व फाटा में कई घरों, दुकानों व होटलों में घुसा पानी,
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड एनएच 5 स्थानों पर टूटकर बहा,
कई लोगों के घरों को भी नुकसान की हैं खबर
उत्तराखंड में बारिश के कारण दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
लगातार भूस्खलन से प्रदेश में 75 से अधिक सड़कों पर आवाजाही ठप है। अकेले पिथौरागढ़ जिले में करीब 40 मार्ग बंद हैं। गढ़वाल में बदरीनाथ, गौरीकुंड समेत कई अन्य प्रमुख मार्गों पर रुक-रुककर मलबा आने का सिलसिला जारी है। इसके अलावा मकान और पुस्ते ढहने के कारण भी काफी नुकसान हुआ है।
वही
मौसम विभाग की ओर से अगले दो दिन
पिथौरागढ़,
बागेश्वर,
चमोली
, रुद्रप्रयाग
, देहरादून,
पौड़ी
व नैनीताल
में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसके चलते शासन की ओर से भी उक्त जिलों में सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मंगलवार को भी पिथौरागढ़ के धारचूला, मुनस्यारी तहसील में भारी बारिश हुई। वहीं, अल्मोड़ा में बारिश व भूस्खलन के कारण रानीखेत-बदरीनाथ हाईवे पांचवें दिन भी बंद रहा। बागेश्वर में बारिश से तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। यहां 13 सड़कों पर मलबा आने से यातायात ठप है।
धारचूला क्षेत्र के जुम्मा गांव में भूस्खलन के बाद लापता भागीरथी देवी का मंगलवार देर शाम तक पता नहीं चल सका। वहीं, तहसील बंगापानी के भट्भटा, देवलेक में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं। यहां 16 से अधिक परिवारों ने मकान छोड़ दिए हैं। चीन सीमा को जोडऩे वाला लिपुलेख मार्ग 15 दिन बाद मंगलवार को खुल गया। अलबत्ता, सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग और मुनस्यारी-मिलम मार्ग अब भी बंद हैं।
बारिश से गढ़वाल में 35 संपर्क मोटर मार्ग बाधित हैं, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे गौरीकुंड हाईवे रुद्रप्रयाग से 45 किमी दूर गुप्तकाशी के पास शेरसी में मलबा आने से बंद हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने करीब चार घंटे बाद मलबा हटाकर आवाजाही सुचारू कराई। इसके अलावा जिले में 13 संपर्क मार्ग भी बंद हैं। गौचर में सुबह करीब 10 बजे कर्णप्रयाग-ऋषिकेश राजमार्ग पर आइटीबीपी परिसर के समीप पहाड़ी से मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया। आइटीबीपी व एनएच ने जेसीबी से मलबा हटाकर आवाजाही शुरू कराई।
चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश से भनारपानी व क्षेत्रपाल में अवरुद्ध कर्णप्रयाग-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को मंगलवार सुबह नौ बजे सुचारू कर दिया गया था। ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग तोताघाटी के पास मंगलवार को भी नहीं खुल पाया। रायपुर-कुमाल्डा-कददूखाल राज्य राजमार्ग भी मरोड़ा में भूस्खलन होने से चार दिन से बाधित हैं।
उत्तराखंड : में इन जगह 15 सितंबर तक वाहनों की आवाजाही रोकी गई है हाईवे पर है भूस्खलन ।
महत्वपूर्ण बात ये है कि
बारिश से वजह से कई जगहों पर बह गया है हाईवे ओर अब होगा सुधारीकरण का काम
बता दे कि अपने उत्तराखंड के चमोली-गोपेश्वर-ऊखीमठ हाईवे कई जगहों पर मलबा और भूस्खलन होने से क्षतिग्रस्त हो चुका है , ऐसे में लोनिवि (एनएच) ने हाईवे के सुधारीकरण कार्य के चलते 15 सितंबर तक हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
ख़बर को विस्तार से जान ले कि
आजकल चमोली जिले में रुक-रुककर भारी बारिश की वजह से चमोली-गोपेश्वर-ऊखीमठ सड़क कई जगहों पर खस्ताहालत में पहुंच गई है। तो मंडल गांव से आगे कई स्थानों पर हाईवे बह गया है। ओर सिर्फ गोपेश्वर-ऊखीमठ हाईवे 12 से अधिक स्थानों पर क्षतिग्रस्त है।
विक्रम डांग के समीप हाईवे का एक हिस्सा बह गया है। यहां पानी से हाईवे लगभग बीस मीटर तक तहस-नहस पड़ा है। यहां लगभग एक करोड़ सात लाख की लागत से सड़क सुधारीकरण कार्य किया जाना है। 15 सितंबर के बाद ही हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जाएगा।
तो वही गोपेश्वर-मंडल-ऊखीमठ हाईवे के सुधारीकरण कार्य से चोपता, पोखरी और ऊखीमठ के आसपास के गांवों के लोगों को फिलहाल रुद्रप्रयाग से होते हुए गंतव्य को जाना होगा।
ओर केदारनाथ के दर्शन कर बदरीनाथ धाम, रुद्रनाथ, अनसूया माता, गोपीनाथ की तीर्थयात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी चोपता के बजाय रुद्रप्रयाग से आवाजाही करनी होगी।
बता दे कि
तुंगनाथ घाटी के ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक व अन्य स्थानों पर भी भूधंसाव के कारण प्रभावित 79 परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। डीएम वंदना सिंह के आदेश पर नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित समिति ने उषाड़ा व दैड़ा गांव का स्थलीय निरीक्षण कर वहां भूधंसाव व अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया है।