विधायक कुँवर प्रणव सिंह चैंपियन के खिलाफ तहरीर, धमकी देने और अपशब्द कहने का आरोप
जी हा सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो के मामले में बसपा नेता एवं दाबकी सहकारी समिति के अध्यक्ष विशाल चौधरी ने खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है। उन्होंने विधायक पर धमकी देने और उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। साथ ही ऑडियो की सीडी कोतवाली पुलिस को सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। कस्बा चौकी प्रभारी मनोज नौटियाल को मामले की जांच सौंपी गई है।
मामला ये था कि
लक्सर राजकीय डिग्री कॉलेज में पीजी कक्षाएं और बीए में कुछ विषय बढ़ाने की मांग को लेकर कई दिन पहले एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने धरना दिया था। बाद में उच्चशिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कुछ मांगों को मान लिया था। इसके बाद दाबकी सहकारी समिति के अध्यक्ष एवं बसपा नेता विशाल चौधरी उर्फ डब्बू ने अपनी फेसबुक पोस्ट डालकर लिखा था कि जिस कार्य को क्षेत्र के विधायक व एमपी नहीं करा सके, उसे एबीवीपी के युवा कार्यकर्ताओं ने करा दिया।
वही एबीवीपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सचिन ने भी इस पर कमेंट किया था। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एक ऑडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन फोन पर सचिन को जमकर फटकार लगाई
बताया जा रहा है कि ऑडियो में वह कह रहे हैं कि धरने पर बैठने से कुछ नहीं होता बल्कि उनकी जो भी मांगें मानी गई हैं, वह मंत्री से कहकर उन्होंने पूरी कराई हैं। वे ईमानदारी और अनुशासन के साथ काम करते हैं। जो काम उन्होंने कराया है, उसका क्रेडिट किसी को नहीं लेने देंगे।
वही शुक्रवार को बसपा नेता विशाल चौधरी ने लक्सर कोतवाली पहुंचकर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि सचिन के साथ हुई बातचीत में विधायक चैंपियन ने उन्हें गालियां दी हैं। साथ ही उनके पिता पर भी अभद्र टिप्पणी की है।
वही खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने ऑडियो वायरल होने के बाद शुक्रवार को मामले में खेद जताया। विधायक का कहना है कि उनका उद्देश्य एबीवीपी को बुरा भला कहने का नहीं बल्कि उनके विरोध में काम करने वाले कांग्रेस और बसपा के लोगों के खिलाफ नाराजगी जताने की थी।
वे भाजपा के समर्पित एवं अनुशासित कार्यकर्ता हैं। चैंपियन ने कहा कि एबीवीपी हमारा सम्मानित अनुवांशिक संगठन है और कार्यकर्ता हमारे बच्चों के समान हैं, उन्हें हम संरक्षण प्रदान करते हैं। फिर भी यदि उनके किसी कथन से किसी कार्यकर्ता की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह खेद प्रकट करते हैं