उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी नए सीएम बन गए है।  ऊधमसिंहनगर जिले की खटीमा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरी बार से विधायक हैं।  पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी में अन्य पदों पर कार्य कर चुके हैं और युवाओं में उनकी पकड़ को बेहतर माना जाता है.

बेरोजगारी के साथ ही विकास के मुद्दों को लेकर वह प्रखर रहे हैं. पुष्कर सिंह धामी को लेकर याद किया जाता है 2002 से 2008 का वह दौर जब उन्होंने पूरे प्रदेश में भ्रमण कर अनेक बेरोजगार युवाओं को संगठित कर विशाल रैलियां की थीं. तब की सरकार से राज्य के उद्योगों में युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की घोषणा कराना उनकी बड़ उपलब्धि मानी जाती है. अगले साल चुनाव को देखते हुए युवाओं के बीच अच्छी पैठ वाले नेता के तौर पर पहचान के कारण पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया है।

बता दें कि उन्होंने सन 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विभिन्न पदों में रहकर विद्यार्थी परिषद में कार्य किया है। इसी दौरान उन्होंने अलग-अलग दायित्वों के साथ-साथ प्रदेश मंत्री के तौर पर लखनऊ में हुये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में संयोजक एवं संचालन कर प्रमुख भूमिका निभाई।

उन्होंने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को नजदीक से समझते हुए क्षेत्रीय समस्याओं की समझा और उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरान्त पूर्व मुख्यमंत्री के साथ एक अनुभवी सलाहकार के रूप में 2002 तक कार्य किया।उन्होंने कुशल नेतृत्व क्षमता, संघर्षशीलता एवं अदम्य सहास के कारण दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सन 2002 से 2008 तक छः वर्षो तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगार को संगठित करके अनेकों विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किये। संघर्षो के परिणाम स्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी क्रम में दिनांक 11.01.2005 को प्रदेश के 90 युवाओं को जोड़कर विधान सभा का घेराव हेतु एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गयी जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है।

कुशल नेतृत्व क्षमता तथा शैक्षिणिक एवं व्यावसायिक योग्यता के कारण पूर्ववर्ती भा0ज0पा0 सरकार में वर्ष 2010 से 2012 तक शहरी विकास अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यशील रहते हुए क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान कराने में आशातीत सफलता प्राप्त की जिसका प्रतिफल जनता द्वारा 2012 के विधान सभा विधान सभा चुनाव में ’’विजयश्री’’ दिलाते हुए अपने जनप्रिय विधायक के रूप में विधान सभा में पहुंचाकर उनकी आवाज को और भी अधिक बुलन्दी के साथ सरकार के समक्ष उठाते हुए क्षेत्रीय जनता को उनके मौलिक अधिकारों एवं जीवन यापन के हकों को दिलवाने के लिए उनके विधानसभा प्रतिनिध होने का गौरव प्राप्त हुआ। एक बार फिर उनके हाथ में भाजपा को जीत दिलाने का दारोमदार सौपा गया है।

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