Tuesday, September 16News That Matters

सामाजिक सुचिता: पुष्कर धामी के प्रयासों से तैयार हुआ समरसता, सुरक्षा और सशक्तिकरण का मजबूत आधार  

सामाजिक सुचिता: पुष्कर धामी के प्रयासों से तैयार हुआ समरसता, सुरक्षा और सशक्तिकरण का मजबूत आधार



उत्तराखण्ड ने सामाजिक समरसता, समानता और न्याय के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए पूरे देश को एक नई दिशा दिखाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना। समाज विरोधी गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण स्थापित करते हुए धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया। लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है। यह कदम राज्य में सांस्कृतिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है। जनभावनाओं के प्रति अपनी निष्ठा के तहत धामी सरकार ने भू-कानून को सख्त बनाकर प्रदेश की ज़मीन को भू-माफियाओं से सुरक्षित करने की दिशा में साहसिक कदम उठाया।

मातृशक्ति के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने लखपति दीदी योजना के अंतर्गत लगभग 1.5 लाख महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया है। महालक्ष्मी किट योजना, पेंशन भोगियों का घर पर ही वेरिफिकेशन और वृद्ध एवं असहाय जनों के लिए संचालित योजनाएं समाज के हर वर्ग तक सम्मानजनक और समावेशी विकास पहुंचाने का प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से प्रदेश के 60 लाख से अधिक नागरिक लाभान्वित हुए हैं, जबकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 9 लाख से अधिक किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 55,000 गरीबों को आवास देने की दिशा में कार्य तेज़ी से जारी है और PM-ग्रामीण आवास योजना में 18,602 अतिरिक्त आवास स्वीकृत किए गए हैं। राज्य सरकार ने किसानों को ₹3 लाख तक और महिला स्वयं सहायता समूहों को ₹5 लाख तक ब्याज रहित ऋण तथा फार्म मशीनरी बैंक के ज़रिए 80% तक सब्सिडी पर आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध करा कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा दी है। निःशुल्क गैस रिफिल योजना के तहत अंत्योदय परिवारों को साल में 3 मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे रसोई तक राहत पहुंच रही है। हाउस ऑफ हिमालयाज जैसी अभिनव पहल ने स्थानीय उत्पादों को ब्रांडिंग और वैश्विक बाज़ार से जोड़ने का काम किया है। धामी सरकार के प्रयासों से राज्य की सांस्कृतिक चेतना को सशक्त करते हुए वर्ष 2024 में 48 लाख और 2025 में अब तक 38 लाख तीर्थ यात्री चारधाम यात्रा कर चुके हैं और इस वर्ष भी यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। यह सामाजिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम है, जिसे धामी सरकार सामाजिक सुचिता के आधार स्तंभों पर आगे बढ़ा रही है।

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