खबर यही है : खनन के राजस्व से खूब भर रहा है धामी सरकार का खजाना..
वित्तीय वर्ष 2024-25 में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा राजस्व प्राप्ति में भारी वृद्धि, 2023-24 की तुलना में 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितम्बर) में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष 2023-24 (माह अप्रैल-सितम्बर) की तुलना में 200.65 करोड़ रुपये से अधिक यह वृद्धि 80 प्रतिशत के लगभग है, जो राजस्व प्राप्ति के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
वर्ष 2022-23 में निदेशालय ने 472.25 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति की। वहीं, वर्ष 2023-24 में 645.42 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया था। यह राशि गत वर्ष (2022-23) की तुलना में 173.17 करोड़ रुपये से अधिक है, जो लगभग 42 प्रतिशत की वृद्धि है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कुशल राजस्व प्रबंधन पर लगातार बल दिया जाता रहा है। उनके विजन के अनुरूप भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा राजस्व प्राप्ति में लगातार इजाफा हुआ है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपखनिज खनन नियमावली में सरलीकरण किया गया है, जिसके बाद खनन से राजस्व वसूली के रिकॉर्ड टूटने लगे हैं। इन सुधारों से न केवल खनन उद्योग में पारदर्शिता आई है, बल्कि राजस्व में भी बड़ा योगदान हुआ है।
इस सफलता का श्रेय राज्य सरकार की नीतिगत सरलीकरण को जाता है। उत्तराखण्ड उपखनिज परिहार नियमावली के तहत ई-निविदा और ई-नीलामी के माध्यम से नए खनिज लॉटों का चिन्हिकरण और आवंटन किया गया, जिससे राजस्व में वृद्धि हुई। इसके अलावा, अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए गए और ई-रवन्ना पोर्टल की उन्नत निगरानी की गई।
खनन कार्य को अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 45 माईन चौक गेट्स की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा, स्टोन क्रेशर्स और स्क्रीनिंग प्लांट्स में उपखनिज की आपूर्ति में भी सुधार हुआ है…
वही मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की आर्थिक सुदृढ़ता के लिए यह आवश्यक है कि हम राजस्व संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग करें। राज्य में खनिज संसाधनों का उचित और टिकाऊ तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। खनन से होने वाली आय को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जिनमें अवैध खनन पर सख्त नियंत्रण, पारदर्शी प्रक्रिया, और खनन से संबंधित नियमों के सख्त अनुपालन पर जोर दिया गया है। आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर खनन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया गया है, जिससे खनिज संपदा का समुचित दोहन हो और राज्य की आय में बढ़ोतरी हो। इसके अलावा, खनन उद्योग से जुड़े रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं..
एक नज़र.. खबर लिखें जाने तक अब तक की अपडेट रिपोर्ट पर…
1.राज्य सरकार द्वारा खनन नियमावली मैं सरलीकरण करने से वितीय वर्ष 2024-25 में राजस्व अभी तक 500 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुका है और मार्च तक 1200 करोड़ रुपए प्राप्त होगा जो की कांग्रेस सरकार मैं प्राप्त होने वाले राजस्व से चार गुना अधिक है
2. कांग्रेस सरकार मैं राजस्व कभी भी 300 करोड़ से अधिक प्राप्त नहीं होता था
3. राज्य सरकार द्वारा राज्य के सीमावर्ती राज्यो की सीमा मैं 40 स्थानो पर 45 ई माइन चेक गेट की स्थापना कर रही है ताकि अवैध खनन पर रोक लग सके ! इन गेटों पर सर्विलांस सिस्टम स्थापित होगा ! जिस पर एनपीआर कैमरा, जीपीएस और आरएफआईडी की रीडिंग होगी! बिना रवन्ना की गाड़िय का ऑटोमैटिक ई चालान होगा
4. राज्य सरकार का ई रवन्ना का अपडेशन किया गया है जिससे रॉयल्टी की चोरी ना हो सके !
5. बिना रवन्ना की गाड़ी का ई चालान काटने की व्यवस्था की गई है!
6. राज्य सरकार द्वारा खनन पट्टो का आवंटन ई नीलामी के माध्यम से करने का प्रावधान किया गया है! ताकि खनन पट्टो का आवंटन पारदर्शी तरीके से हो सके!
7. राज्य सरकार द्वारा राज्य से बाहर से आने वाले खनिज पर पहली बार 70 रुपए प्रति टन टैक्स लगाया गया है जिसको ISTP के नाम से जाना जाता है
8. कांग्रेस सरकार द्वारा अवैध खनन कराने के कारण राजस्वी की प्राप्त नहीं होती थी !
9. आज राजस्व मैं कई गुना वृद्धि होने के कारण कांग्रेसी बौखलाए हुए है
10. आम जन को निर्माण सामग्री सस्ते दामो पर उपलब्ध हो रही है पहले निर्माण सामग्री 140-150 प्रति क्विंटल मिलती थी जो की अब 60 -70 प्रति क्विंटल आसानी से अच्छी गुणवता वाली निर्माण सामग्री मिल जा रही है