उत्तराखंड

उफान पर नदिया, दरक रहे है पहाड़,
भूस्खनल है जारी , अलर्ट हों रखा है जारी , सतर्क रहें ये रिपोर्ट पहाड़ो की


मौसम विभाग के अनुसार आज नैनीताल, पिथौरागढ़ और चंपावत में भारी से भारी बारिश होने की आशंका है। वहीं, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा व ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश हो सकती है। टिहरी, पौड़ी और देहरादून में भी गरज के साथ बौछार पड़ सकते है
वही शनिवार को नैनीताल , चम्पावत जिले के लिए आरेंज, जबकि अन्य जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
तो रविवार को देहरादून, पौड़ी, टिहरी और नैनीताल में भारी बारिश के आसार हैं।


इस समय राज्य के पहाड़ी जिलो में
कुछ स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध हैं मलबा आने से बंद मार्ग पर पिथौरागढ़ से हल्द्वानी के लिए यातायात संचालन वाया थल-सेराघाट से हो रहा है।
तीन दिनों से मार्ग में फंसे लोग पैदल पिथौरागढ़ आ रहे हैं।
पहाड़ी दरकने के कारण कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग नौवें दिन भी बंद रहा।
उत्तराखंड में मानसून रफ्तार पकड़ने लगा है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं मंडलों में बारिश का क्रम जारी है। मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार के लिए प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
प्रदेश में बदरीनाथ, केदारनाथ और कैलास-मानसरोवर मार्ग बंद हैं। वहीं मलबा आने से प्रदेश में 78 संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं। नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है। पिथौरागढ़ के धारचूला में काली नदी चेतावनी निशान के पार बह रही है। इसके अलावा गढ़वाल में अलकनंदा, मंदाकिनी और पिंडर नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। हालांकि अभी ये खतरे के निशान से दूर हैं। मौसम के मिजाज को देखते हुए सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में लगातार बारिश के बीच पहाड़ों से गिर रहा मलबा, भूस्खलन आवागमन में बाधा डाल रहा है। भूस्खलन के कारण बदरीनाथ हाईवे सहित पहाड़ के कही सड़के बन्द है
जबकि केदारनाथ हाईवे पर 12 घंटे बाद आवाजाही बहाल हो पाई। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले में कैलास-मानसरोवर मार्ग दसवें दिन भी नहीं खोला जा सका। पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी और धारचूला-तवाघाट मार्ग भी बंद हैं। जिलाधिकारी ने नदी किनारे बस्तियों में अलर्ट जारी किया है।

बदरीनाथ के निकट सड़क धंसी
जोशीमठ से दस किलोमीटर दूर विष्णुप्रयाग के पास भू-धंसाव से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे सड़क के किनारे बने टिन शेड को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि सड़क के एक हिस्से से वाहन आ जा रहे हैं। प्रशासन के अनुसार लगातार हो रही बारिश के कारण अभी यहां पर मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है।

ऋषिकेश में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है वही पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा से ऊपर बह रहा है। गंगा ऋषिकेश में खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट ,राम झूला, स्वर्ग आश्रम में परमार्थ निकेतन आश्रम के सामने बनी भगवान शिव की मूर्ति के चरणों तक गंगा का जलस्तर पहुंच गया है मूर्ति के आसपास का बना पुल बह गया है। गंगा नदी के किनारे बने घाट सहित तमाम घाट गंगा नदी के जलस्तर लगातार बढ़ने से डूब गए हैं। वही गंगा का लगातार जल स्तर बढ रहा है। इसी को देखते हुए प्रशासन द्वारा गंगा नदी के किनारे रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी जा रही है। नदी के किनारे रह रहे साधु-संतों और बाबाओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है ।वही लगातार पुलिस द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दी जा रही है। एसडीआरएफ और जल पुलिस लगातार गंगा के जल स्तर पर निगरानी बनाए हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों के अनुसार अभी गंगा का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।

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