टिहरी गढ़वाल: देवप्रयाग स्थित संगम स्थल पर बुजुर्ग भाई-बहन ने गंगा में जल समाधि लेकर यहां अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मिली जानकारी के मुताबिक़ दोनों लोग बदरीनाथ यात्रा जाने की बात कहकर दो दिन पहले यहां एक होटल में ठहरे थे। 21 सितंबर को दोनों देवप्रयाग और आसपास घूम रहे थे जिसके बाद 23 सितंबर शाम 4 बजे दोनों भाई बहन ने संगम स्थल पर पंडितों से गंगा पूजन, तर्पण, दान आदि करवाया। लगभग छह बजे दोनों यहां ओट में बने महिला घाट की ओर चले गए। जब दोनों वापस नहीं लौटे तो लोगों को उनके गंगा में समा जाने की आशंका जताई।


संगम घाट पर उनके जूते और कपड़ों का थैला मिलने पर लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस को होटल में उनका कमरा खुला मिला यहां कपड़ों से भरी दो अटैची व बैग मिले। होटल के रजिस्टर व पैन कार्ड के आधार पर दोनों की पहचान लखनऊ निवासी अरविंद(65) और सुमन(62) पुत्र व पुत्री नागेश्वर प्रसाद के रूप में हुई। हालांकि पुलिस की छानबीन में पता चला कि मौजूदा समय से ये बुजुर्ग पारानगर कानपुर में रह रहे थे। 3 साल पहले ही ये लोग अपना लखनऊ का मकान बेचकर कानपुर में रह रहे थे।
पुलिस को उनके सामान में मिले पुराने मोबाइल से लखनऊ निवासी जितेंद्र प्रसाद से सम्पर्क किया गया। उक्त व्यक्ति ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व दोनों लखनऊ में अपना घर 11 लाख में उसे बेचकर पारानगर कानपुर में रहने चले गए थे और वर्तमान में वहीं रह रहे थे। दोनों बहुत कम ही बाहर निकलते थे, कुछ महीने पहले उन्होंने यात्रा पर जाने की बात कही थी। एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने गंगा में उनकी तलाश शुरू कर दी है।