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उत्तराखंड: उत्तरकाशी जनपद से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों की लापता होने की सूचना

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद से लगी भारत-चीन सीमा पर तीन पोर्टरों के लापता होने की सूचना मिल रही है। तीनों पोर्टर भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीम के साथ सीमा पर लंबी दूरी गश्त के लिए रवाना हुई थी, जो वापसी के दौरान रास्ता भटक गए। बर्फबारी होने से मंगलवार देर शाम तक भी इन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया। जिसके बाद आईटीबीपी ने इन पोर्टरों को तलाशने के लिए वायु सेना और राज्य आपदा प्रबंधन से मदद मांगी है। इस सूचना के बाद से स्थानीय पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक आईटीबीपी जवानों की टीमनागा और नीलापानी चौकी से भी आज बुधवार की सुबह 20-20 आईटीबीपी जवानों की टीम खोज और बचाव के लिए रवाना हुई है। लेकिन राहत-बचाव अभियान में बर्फ रुकावट पैदा कर रहा है। यहां छह फीट बर्फ पड़ी हुई है। जिस वजह से अभियान में बाधा आ रही है।

 


जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि लंबी दूरी गश्त के लिए 15 अक्टूबर को तीन पोर्टरों के साथ आईटीबीपी की टीम भारत-चीन सीमा स्थित नीलापानी चौकी से सीमा के लिए रवाना हुई थी। इस टीम में उत्तरकाशी जनपद के तीन पोर्टर भी थे। गश्त के बाद टीम वापस लौटी। टीम के साथ पोर्टर भी वापस लौट रहे थे, लेकिन 17 अक्तूबर को बर्फबारी होने के कारण पोर्टर आईटीबीपी की टीम से बिछड़ गए। इन पोर्टरों को 18 अक्तूबर को वापस नीलापानी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की चौकी पर लौटना था। आईटीबीपी की टीम ने पोर्टरों को तलाश करने के लिए 18 और 19 अक्तूबर को राहत-बचाव अभियान चलाया। लेकिन पोर्टरों का कोई पता नहीं चल पाया। पोर्टरों की तलाश के लिए 18 अक्तूबर को पांच अन्य पोर्टर को भी संसाधनों सहित भेजा गया है।

 

लेकिन भेजे गए पोर्टरों से भी आईटीबीपी की टीम का संपर्क नहीं हुआ है, लेकिन पांच पोर्टरों के पास संसाधन होने के कारण उनके सुरक्षित होने की उम्मीद है। अभी आईटीबीपी की पहली प्राथमिकता तीन पोर्टरों को तलाशने की है। मंगलवार शाम को आईटीबीपी ने राज्य आपदा प्रबंधन से पोर्टरों की तलाश के लिए सहायता मांगी। हालांकि आपदा प्रबंधन के पास इस तरह के हेलीकॉप्टर नहीं हैं जो चार हजार मीटर से लेकर साढ़े चार हजार मीटर तक की ऊंचाई पर रेस्क्यू कर सकें। 

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