उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार हुआ है कि अनुशासित कहीं जाने वाली पुलिस फोर्स से जुड़े पुलिसकर्मियों के परिजन इस तरह से सड़कों पर है
ऐसा इसलिए भी हो रहा है क्योंकि ना सरकार और ना ही पुलिस महकमे के आला अधिकारी इस बात की गंभीरता को समझ पाए कि अगर निचले तबके का कर्मी परेशान होगा तो आंदोलन की चिंगारी जरूर भड़केगी कोशिश यह होनी चाहिए थी कि तमाम पुलिसकर्मियों की मांग के अनुसार उन्हें 4600 ग्रेड पे का लाभ सरकार को उन्हें दे देना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं
आखिर कौन वह सलाहकार थे जिन्होंने इस तरीके का फैसला लिया की अनुशासित फोर्स का परिवार आंदोलन को मजबूर है भले ही आज के आंदोलन में फोर्स के पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है लेकिन अगर उनके परिजन सड़कों पर हैं
आज देहरादून के गांधी पार्क में परिजनों का आंदोलन दिखाई दिया तो राजनीतिक दलों के संगठन भी उन्हें समर्थन देने पहुंच गए उत्तराखंड पुलिस जवानों के ग्रेड पे के मसले पर जारी परिवार जनों के आंदोलन में कॉंग्रेस सेवा दल ने भी अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराते हुए
गांधी पार्क पर ध्वजारोहण करते हुए विरोध दर्ज कराया।
कॉंग्रेस सेवा दल ने कहा है कि इससे दुर्भाग्यजनक स्थिति नही हों सकती सबकी सेवा मदद करने वाले पुलिस जवानों के परिजन आज प्रदर्शन को मजबूर है।
ऐसे ही अन्य दलों और कर्मचारी संगठनों का समर्थन भी इन तमाम पुलिसकर्मियों के परिजनों को प्राप्त है लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार और पुलिस के आला अधिकारी जल्द पुलिस कर्मियों की मांग पर फैसला लेंगे वरना वह सच में उत्तराखंड के इतिहास का काला दिन होगा जब आंदोलनरत पुलिसकर्मियों के परिजन नहीं पुलिसकर्मी खुद आंदोलन में ना नजर आने लगे