उत्तराखंड की.. विवादित अधिकारी की डीपीसी पर रोक चल रही है जांच … मुख्यमंत्री धामी की सब पर नजर..
आय से अधिक संपत्ति मामले में जहां एक तरफ आईएएस अधिकारी रामविलास यादव जेल की दीवारों में कैद कर दिया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की कार्यशैली की चारों और खूब प्रशंसा जमकर हुई मुख्यमंत्री धामी ने मुख्यमंत्री बनते ही भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी चाहे वो विधानसभा भर्ती प्रकरण पर अपना पत्र विधानसभा अध्यक्ष को उचित कार्रवाई करने हेतु लिखा गया हो..
या फिर नौकरी घोटाला हो या UKSSSC में बड़े बड़े माफ़ियाओ को जेल का रास्ता दिखाना
धामी सरकार का हंटर यही तक नहीं रुका, सरकार ने सख़्त नक़ल क़ानून बनाकर भ्रष्टाचारियों को सीधे रूप से संदेश दे दिया कि अगर किसी ने भी हरकत की तो उसकी जगह सिर्फ़ जेल में होगी इसी क्रम में उत्तराखंड के कुछ और अधिकारी भी विजिलेंस के टारगेट पर है जिन्होंने भ्रष्टाचार के दम पर अकूत संपत्ति कमा डाली है ऐसा भी गठजोड़ का मामला जो सामने आता रहा है सूत्र बताते हैं
उत्तराखंड की महिला अधिकारी निधि यादव का तो विवादों से पुराना नाता है
आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी जांच हुई जिसमें पता चला मैडम अपनी आय से कई अधिक संपत्ति की मालकिन है!
वही उत्तराखंड में कल हुए पीसीएस से आईएएस संवर्ग में प्रमोशन के लिए 5 वरिष्ठ पीसीएस अफसरों की डीपीसी सीएसआईआर में सम्पन्न हो गई है।जबकि पीपीएस से आईपीएस में प्रमोशन के लिए 3 अफसरों के नाम पर मोहर लग गई है। 2005 बैच के अफसर कप्तान चमोली प्रमेंद्र सिंह डोबाल एसपी देहात देहरादून कमलेश उपाध्याय व ममता बोहरा के नाम पर डीपीसी समिति ने मोहर लगा दी है
जबकि मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद व निधि यादव पर चल रही जांच के कारण उनकी डीपीसी को रोक दिया गया है…. जो अपने आप में धामी सरकार जीरो टॉलरेंस की बात को सच साबित करता हुआ नजर आ रहा है… और आगे बढ़े निर्णय लिए जा सकते हैं … जो . चौकानेवाले भी होंगे… मतलब भ्रष्टाचार पर धामी का प्रहार जारी रहेगा..