उत्तराखंड की जनता औऱ शासन में है केवल एक कॉल का फासला, सुशासन को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करती त्रिवेंद्र सरकार
-शासन को डिजीटल प्लेटफार्म से जोड़ उत्तराखंड में बनाया सुशासन
-त्वरित जानकारी मिलने के साथ शिकायतों का हो रहा त्वरित समाधान
देहरादून। प्रदेश की जनता को स्वच्छ, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को त्रिवेंद्र सिंह सरकार के बीते लगभग चार साल की प्रमुख उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
इस अवधि में सरकार ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शासन को डिजीटल प्लेटफार्म से जोड़ प्रदेश की जनता को सुशासन देने का काम किया है। सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905, सेवा का अधिकार, ट्रांसफर एक्ट, ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस और ई-पंचायत से प्रदेश की कार्य संस्कृति में सुधार लाया गया है।
सभी सुखी हो, निरोगी हो, सबका कल्याण हो यही शासन व्यवस्था का ध्येय है। इसी को ध्यान में रखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने प्रदेश के शासन को डिजीटल प्लेटफार्म से जोड़ा है। अधिकारी-कर्मचारी इन हेल्पलाइन से प्राप्त समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। जिससे प्रदेश की सुशासन व्यवस्था को अधिक चुस्त-दुरस्त और जनहित का बनाया गया है।
प्रदेश की जनता को डिजीटल व्यवस्था मिलने के बाद शासन और नागरिकों के मध्य अब केवल एक फोन कॉल का फासला है। त्वरित जानकारी मिलने के साथ शिकायतों का भी त्वरित समाधान हो रहा है। सुशासन को और बेहतर बनाने की दिशा में राज्य सरकार की यह महत्वपूर्ण एवं दूरगामी पहल है।
कोरोनाकाल के दौरान सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने के लिए डिजीटल प्लेटफार्म ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष के माध्यम से सीएम रावत ने सभी विभागों की महत्वपूर्ण योजना की निगरानी की गई। जबकि सीएम हेल्पलाइन 1905 के जरिए अभी तक 35 हजार शिकायतों का 24 घंटे से लेकर एक सप्ताह में निस्तारण किया गया। उधर सेवा का अधिकार से 27 विभागों की 243 सेवाओं को जोड़ा गया। ट्रांसफर एक्ट के माध्यम से प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। ई-कैबिनेट से पेपर लैस व्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ सभी रिकॉर्ड को व्यवस्थित तरीके से रखा जा रहा है।
ई-ऑफिस के जरिए सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-ऑफिस से जुड़ गए हैं। जिसके तहत नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू की जा चुकी है। इतना ही नहीं राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है।