ख़बर : बाबा रामदेव, दिव्य फॉर्मेसी समेत केंद्र और राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस इन 4 सवालों के जवाब नहीं मिले
by admin
ख़बर : बाबा रामदेव, दिव्य फॉर्मेसी समेत केंद्र और राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
जानकारी कोरोनिल दवा मामले को लेकर बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव, दिव्य फार्मेसी, आईसीएमआर निम्स विश्वविद्यालय(राजस्थान), केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में याचिका पर स्थिति स्पष्ट करते हुए एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
ख़बर है कि मंगलवार को कोरोनिल का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पतंजलि द्वारा लांच की गई इस दवा के मामले में केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल को नोटिस जारी किया था। वही इसके साथ ही सभी पक्षकारों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था। याचिका में कहा गया है कि दिव्य फार्मेसी की तरफ से दवा बनाने के लिए लाइसेंस नहीं लिया गया था और इसका क्लीनिकल ट्रायल भी नहीं किया गया था। याचिका में आमजन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दवा को बंद किए जाने व संबंधित दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई थी। ऑनलाइन सुनवाई के बाद कोर्ट ने नोटिस जारी कर अगली सुनवाई के लिए आज की तारीख निर्धारित की थी।
पूरा ये था मामला बता दें कि पतंजलि की दिव्य फार्मेसी ने पिछले से पिछले मंगलवार को कोरोना की दवा बनाने का दावा किया था। इसके बाद से ही पतंजलि की दवा पर तमाम सवाल उठने लगे थे। आयुष मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए पतंजलि को नोटिस भेजकर दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी। साथ ही इससे संबंधित दस्तावेज तलब किए थे।
वहीं, बीते बुधवार को उत्तराखंड आयुष विभाग ने भी दिव्य फार्मेसी को नोटिस भेज फार्मेसी को तत्काल कोरोना किट के प्रचार पर रोक लगाने और लेबल संशोधित करने के आदेश दिए थे। नोटिस का जवाब सात दिनों के भीतर देने को कहा गया था। प्रदेश के आयुष विभाग का कहना था कि पतंजलि को इम्युनिटी बूस्टर बनाने का लाइसेंस दिया गया था। विभाग का कहना था कि दवा बनाने के मामले में आयुष मंत्रालय की गाइडलाइन मिलने के बाद आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी की एक्सपर्ट कमेटी मामले का परीक्षण करेगी। जिसके बाद ही आयुष विभाग की ओर से फैसला लिया जाएगा।
कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि की दवा के रिसर्च और लाइसेंस पर सवाल उठे थे
पतंजलि ने 23 जून को दवाएं लॉन्च कीं, 5 घंटे बाद सरकार ने प्रचार पर रोक लगा दी थी
7 दिन बाद रामदेव फिर सामने आए, कहा- आयुष मंत्रालय से अब असहमति नहीं
हरिद्वार. योग गुरु रामदेव की पतंजलि कंपनी ने कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को एक किट के रूप में 23 जून को लॉन्च किया। इसे कोरोना के मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल के बाद लॉन्च करने का दावा किया गया। लेकिन, आपत्तियां उठीं तो आयुष मंत्रालय ने 5 घंटे बाद ही दवा के प्रचार पर रोक लगा दी। 7 दिन बाद यानी आज रामदेव फिर मीडिया के सामने आए और कहा कि उनकी दवाओं पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है और आज से पूरे देश में मिलेंगी। रामदेव की कोरोना किट से जुड़ी पूरी जानकारी को सवाल-जवाबों में समझिए- पतंजलि की किट में क्या है? इसमें तीन दवाएं कोरोनिल टैबलेट, श्वासारि वटी और अणु तेल हैं। रामदेव का दावा है कि कोरोनिल में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा हैं जो इम्युनिटी बढ़ाते हैं। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर श्वासारि देने से फायदा होता है। यह दवा सर्दी, खांसी, जुकाम को भी एक साथ डील करती है। अणुतेल नाक में डालना होता है। तीनों को साथ इस्तेमाल करने से कोरोना का संक्रमण खत्म हो सकता है और महामारी से बचाव भी संभव है। विवाद क्या था? केंद्र सरकार ने पतंजलि से कहा कि उसके दावे के फैक्ट की जानकारी नहीं है। दवा पर की गई रिसर्च की जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध करवाए और जांच पूरी होने तक इसका प्रचार नहीं करे। राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने भी आपत्ति जताई। रामदेव ने अब क्या कहा? क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल के सभी डॉक्यूमेंट्स आयुष मंत्रालय को उपलब्ध करवा दिए हैं। मंत्रालय ने यह माना है कि कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए पतंजलि ने सही तरीके से काम किया है। अब दोनों के बीच कोई असहमति नहीं है। पूरे देश में हमारी दवाएं बिकेंगी। हम राज्यों से भी बात कर चुके हैं। क्या पतंजलि की दवाओं से कोरोना का इलाज संभव है? रामदेव का कहना है कि 15 साल से 65 साल तक के 95 लोगों जिनमें एसिम्प्टोमैटिक और माइल्ड टू मॉडरेट मरीज शामिल थे, उन पर क्लीनिकल ट्रायल किया। इनमें से 45 मरीजों को पतंजलि की दवाएं दी गईं। इनसे 3 दिन में 67% और 7 दिन में 100% मरीज कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो गए। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को क्या हिदायत दी है? रामदेव ने कहा है कि मंत्रालय ने क्योर शब्द का इस्तेमाल करने से मना किया है। इसलिए हम अपनी दवाओं को कोविड मैनेजमेंट के तौर पर पेश करेंगे। हमें शब्दों के मायाजाल में नहीं पड़ना। क्या पतंजलि की दवाओं के साइड इफेक्ट हैं? पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमारी दवाओं के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। इन 4 सवालों के जवाब नहीं मिले- 1. क्या सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए पतंजलि की दवाओं के इस्तेमाल की मंजूरी दी है? 2. इन दवाओं के इस्तेमाल से कोई मरीज ठीक नहीं हुआ तो क्या होगा? 3. 15 साल से कम और 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर ये दवाएं कितनी कारगर हैं? 4. जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर बीमारी है वे कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि की दवाएं ले सकते हैं या नहीं?