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सरकार नारी शक्ति को हलके में लेने की भूल न करे

सीएए के विरोध में धरना प्रदर्शन करती महिलाएं

नारी शक्ति को हल्के में न ले सरकार

देवबंद (सहारनपुर)। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में महिलाओं का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान महिलाओं ने कहा कि सरकार नारी शक्ति को हलके में लेने की भूल न करे।
रविवार को छुट्टी होने के चलते ईदगाह मैदान में लोगों की भारी भीड़ जमा रही। लोग रुक रुककर हिंदुस्तान जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। इस दौरान रजिया मंसूर ने हम पूरे देश की आवाज हैं और सरकार को हमारी बात सुननी ही होगी, क्योंकि सेक्यूलर समाज हमारे साथ खड़ा है। मरयम राशिद और जेबा ने कहा कि देश की बेटियां संविधान की रक्षा के लिए सड़क पर उतर आई है। इसलिए सरकार नारी शक्ति को हलके में लेने की भूल न करें। सना ने कहा कि नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए कुछ ताकतें लगातार साजिश रच रही हैं। देशभर में सीएए के विरोध में चलने वाले विरोध प्रदर्शनों पर कभी राजनीति तो कभी फंडिंग के आरोप लगाए जा रहे हैं। जिनमें नाममात्र की भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने सवाल दागा कि क्या अपने हक के लिए आवाज बुलंद करना कोई अपराध है? यदि अपना हक पाने के लिए जान की बाजी लगानी पड़ी तो वह इसके लिए भी तैयार हैं। धरना स्थल पर पहुंची विभिन्न स्कूलों की छात्राओं ने मंच से देशभक्ति गीत गाए। जिन्हें पसंद किया गया।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री ने दिया धरने को समर्थन
देवबंद। पिछले चौदह दिनों से चल रहे महिलाओं के धरना प्रदर्शन को राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा समर्थन देने का सिलसिला भी लगातार जारी है। रविवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जिला मंत्री कामरेड दाऊद ने साथियों के साथ धरनास्थल पर पहुंचकर अपने समर्थन की घोषणा की।

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