नेहा दीदी नेहा दीदी
ये नाम आज उत्तराखंड के गांव से लेकर मलिन बस्तियो में रहने वालो की ज़ुबान पर तक चढ़ गया है
अब वे लोग दूर से देख कर कह देते है कि देखो दीदी जी आ रही है कुछ ना कुछ मदद हो जाएगी

जी हां हम बात कर रहे है उत्तराखंड की बेटी नेहा जोशी की जो पिछले साल से ही लगातार पूरे कोरोना काल के दौरा7न देहरादून से लेकर पहाड़ ओर मसूरी विधानसभा क्षेत्र में राशन पहुचाती , देती दिखाई दी थी
ओर जब इस बार दूसरी लहर आई तो वे खुद भी जनसेवा करते हुए कोरोना की चपेट में आ गई थी
लेकिन उस बीच भी के 20 दिनों तक वे लगतार हर जरुतमन्दों की मदद करने का प्रयास अपने
अपने स्तर से करती रही
उनके पास मदद के लिए जैसे ही काल आते थे और बस फिर वे आरंभ हो जाती उस फोन वाले भाई की मदद के प्रयास में
ऐसा नही है कि नेहा जोशी ने फोन घुमाया ओर तुरंत सामने वाला हा कह दे या मदद हो जाये

एक व्यक्ति की मदद के लिए कम से कम 8 से 10 जगह फोन घुमा कर
सक्षम व्यक्ति , अफसर , सहयोगी , उत्तराखंड से बाहर भीब साथी से मदद माँगी जाती थी तब जाकर एक जगह बात बन पाती थी
ओर तब थोड़ा राहत की चलो ये काम तो हो गया इसका भला हो जाये बस..लेकिन फिर दूसरी घँटी ,ओर किसी ओर के वाट्सप ओर फिर लग जाओ जुट जाओ उसकी मदद के लिए ..
(10 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक राज्य में हालात बिगड़ते जा रहे थे ना रेमडेसिवर इजेकशन मिल रहा था ओर ना आक्सीजन ) तो icuबेड तक नही मिल रहै थे
ओर इस बीच नेहा लगातार
अस्पतालों में फोन कर , मेडीकल स्टोर काल कर, आकिसीजन सप्लाई करने वालो तक को रिक्वेस्ट कर हाथ जोड़ जोड़ कर उनके लिए मदद माग रही थी , जिनके फोन उनके पास आ रहे थे या उनको जानकारी मिल रही थी ओर समय जरूर थोड़ा लग रहा था पर लोगो की मदद हो रही थी

ये वो समय था जब राज्य के लगभग 80 फीसदी मंत्री, विधायक, अफसर फोन तक ना उठा रहे थे जरुतमन्द लोगो का उठाते भी कैसे उनके पास जवाब तक ना था
सब कुछ उस दौर में भगवान भरोसे जो था
(खैर लगभग इस तरह ही नेहा जोशी ओर जरुतमन्दों की दीदी ने एक तरफ जहा कोरोना से लड़ते हुए ये जंग जीती तो दुसरी तरफ जरुतमन्द लोगो के दिल मे अपनी अलग जगह बनाई…
पहचान बनाई..)

ओर कोरोना को हरा कर वे फिर से निकल पड़ी अपने घर से उस व्यक्ति की , ताई की , चाची, चाचा की मदद करने जिनकों जरूत्त है आज उनकी मदद की सहयोग की

नेहा जोशी को समाज सेवा करने की प्रेणा अपने पिता और आज के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से मिली
जब कैबिनट मंत्री 60 साल की उम्र पार होने के बावजूद हाफ नही रहे है, थक नही रहे है
तो भला उनकी लाडली कैसे थक सकती है वो भी इस समय जब सबसे अधिक जरूत्त लोगो को मदद की है
स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी मेडिकल सामग्री की है
नेहा दीदी नेहा दीदी कहते हुए ना जाने कितने फोन और वाट्सप उनके फोन पर आते है
( जनता उनको ही फोन करती है ,मदद मांगती है जो उनके दुःख में सदैव खड़े रहते है )
ओर नेहा जोशी के लिए तो मानो वो फोन कॉल्स, वो वट्सअप जैसे कोई
मल्टीविटामिन हो , एनर्जी की दवा हो, क्योकिं उन फोनस कॉल्स के बाद वे फिर तेज़ी से जुट जाती अन्य किसी की मदद के लिए ओर वो कहते है ना कि जब कोई दिल से किसी के लिए प्रयास करता है
तो सफल जरूर होता है
नेहा भी दिल से निस्वार्थ भाव से फिलहाल सेवा में लगी हुई है
ओर अब ये सेवा पहाड़ो के अंतिम दूर दराज गांव, दादी की चौखट तक पहुचने लगी है , उनके माध्य्म से उनकी संस्था के माध्यम से
तभी तो उत्तरकाशी के दूरस्थ क्षेत्रों, मोरी व पुरोला तक नेहा जोशी व पंडित दीन दयाल उपाध्याय ऐक्शन व रीसर्च सोसायटी की ये टीम पहुच गई

जहा उन्होंने उत्तरकाशी के नौगाँव, पुरोला और मोरी के स्वास्थ्य केंद्र को स्वास्थ्य उपकरण व अन्य कोविड १९ सम्बंधित सामान उपलब्ध कराये
फिलहाल सोसायटी के सदस्यों ने 3 स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर ऑक्सिजन कोंसेंट्रेटर, कोविड 19 उपचार हेतू किट्स, पी॰पी॰ई॰ किट्स, स्टीमर, जूस व अन्य सामान उपलब्ध कराया
ओर खास बात ये रही की इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं को भी साबुन, फ़ेसशील्ड व सैनिटाईज़ेर दिया गया
आशा कार्यकर्ताओं से बात करते हुए सोसायटी की अध्यक्ष नेहा जोशी ने संतोष भी जताया की सरकार द्वारा इन फ़्रंटलाइन कोरोना योद्धाओं को सभी ज़रूरत के उपकरण व दवाएँ समय पर दी जा रही हैं । इसके साथ ही उन्होंने पुरोला के कंडिया व पोरा गाँव में और मोरी के बेनोल गाँव में भी स्वास्थ्य किट बाँटी व गांव के लोगों से संवाद किया । इसके साथ ही कर्तव्य फ़ाउंडेशन के स्वयं सेवकों को १००० पैकेट सैनिटेरी पैड उपलब्ध कराए जो कि कोविड कंटेन्मेंट ज़ोन बने गाँवों में बाँटे जाएँगे ।
इस अवसर पर उनके साथ में सुरेंद्र राणा, संजय थपलियाल, हाकम सिंह, राकेश नेगी, कृतार्थ उनियाल, अरविंद तोपवाल, अखिलेश रावत, भावना भी साथ रहे
बहराल नेहा जोशी और जरुतमन्दों कि दीदी, बेटी, अपनी सस्था के माध्य्म से लगातार मदद करती नज़र आ आ रही है जो सुखद है
ओर हम कह सकते है कि पहाड़ की बेटी नही समझेगी पहाड़ का दर्द तो कोन समझेगा
जिसमें नेहा अपनी तरफ से पूरा प्रयास करती दिखाई दे रही है

पर जाते जाते पहाड़ी राज्य न्यूज़ पोर्टलये ये कहता है कि
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के पहाड़ी विधायको , जो जिस क्षेत्र से चुनाव जीता , जिला पंचयात अध्यक्ष , नगर पालिका अध्यक्ष , मेयर, ब्लाक प्रमुख , हारे हुए वे सभी नेता जो विधान सभा तक पिछली बार नही पहुच पाये , ओर जो आज तक कुछ बन ना पाये ,
,उस सभी क्षेत्रो के वे सभी बड़े ठकेदार , जिनका घर इन्ही लोगो की वजह से चलता है
भाई आप लोग कहा हो
क्या आप नही मदद का हाथ बढ़ाओगे आज आप सबकी जरुरत है , सहयोग की जरूरत है पहाड़ को आप सब से जो भी हो सके वक्तिगत मदद करे पहाड़ की
इस जंग से तभी जीता जा सकता है जब सब जरुतमन्द की मदद के लिए,
बीमार पहाड़ को राहत देने के लिए खुल कर सक्ष्म लोग आगे आये
धन्यवाद

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