हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भाखड़ा डैम की गोविंद सागर झील में 36- 36 किलो ग्राम मछलियां मछुआरों के जाल में फंसी हैं. चांदी जैसे रंग की यह मछलियां अब लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं. इन भारी भरकम मछलियों को देखने और कैमरों में कैद करने के लिए लोगों में होड़ सी लग गई.
दरअसल, भाखड़ा डैम के पीछे बनी विशाल गोबिंद संगर झील में मछली पालन होता है. गोविंद सागर झील में कई किस्म की मछलियां पाई और पकड़ी जाती हैं. भाखड़ा बांध की मछली बहुत मशहूर है और स्वादिष्ट भी होती है.


क्या बोला ठेकेदार
ठेकेदार रीपू कोहली ने बताया कि सिल्वर नस्ल की इस मछली की बाजार में बहुत मांग है. उन्होंने कहा कि जाल में फंसी भारी भरकम मछली को देखने और मोबाइल कैमरों में कैद करने की लोगों में होड़ सी लग गई है. उन्होंने बताया कि गोबिंद सागर झील में कतला, गूंछ, गोल्डन, मासेर इत्यादि नस्लों की मछलियां पाई जाती हैं. क्योंकि, यह मछली साफ पानी और ठंडे जल की मछली है.
कारिंदों ने पकड़ा
गोविंद सागर झील में मछली का कारोबार कर रहे ठेकेदारों के कारिंदों ने 36 किलो ग्राम की मछली पकड़ी है. गर्मी अधिक होने के कारण बड़ी मछली पानी के ऊपर सांस लेने के लिए आ जाती है और जाल में फंस जाती है. इतनी भारी मछली को पानी में से वोट पर लाना बहुत कठिन होता है. मछुआरे अपनी जान पर खेलकर इतनी बड़ी मछली को पकड़ पाते हैं.