उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिये हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका।
पिछले दिनों पूरे भारत मे कोरोना महामारी ने अपने पैर पसार रखे थे जिससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं है। भले ही कोरोना का कहर अब कम हो गया हो किन्तु प्रदेश में अबतक का डेथ-रेट 2.15 % रहा जोकि पूरे भारत मे चिंताजनक दूसरे स्थान पर है। कोरोना की तीसरी लहर की आहट बनी हुई है और पहाड़ में अन्य बीमारियों हेतु भी स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव के दृष्टिगत, अतः प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने हेतु सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट नैनीताल में जनहित याचिका लगाई।
याचिकाकर्ता अभिनव थापर ने माननीय हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिंदु में आवास विभाग की हॉस्पिटल, नर्सिंग होम व स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संस्थान के “वन टाइम सेटलमेंट- OTS- 2021” स्कीम में कमियों व क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट – CEA से संबंधित है। इनके नियमों में शिथिलता से उत्तराखंड में हॉस्पिटल बेड की वर्तमान संख्या को घटने से रोकना व उनकी संख्या बढ़ाने का भी प्रावधान किया जा सकेगा। याचिका में पहाड़ी क्षेत्र में लिये विशेष शिथिलीकरण की मांग की गई है जिससे प्रदेश के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधाओं का अवसर बढ़ सके और पूरे प्रदेश को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके।
उल्लेखनीय है कि देहरादून निवासी अभिनव थापर ने अपने साथियों के साथ मिलकर “कोविड हेल्प सेन्टर, उत्तराखंड- COVID HELP CENTER UK” ग्रुप व कई अन्य व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा भी प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में प्रदेश भर के मरीजों को ऑक्सिजन, हस्पताल में ऑक्सिजन बेड, आई०सी०यू०, वेंटिलेटर, दवाई व सबसे महत्वपूर्ण ” प्लाज्मा व्यवस्था” द्वारा कई प्रकार से मदद पहुँचाने के कार्यों में सहयोग दिया । इसके अतिरिक्त देश भर से कई फ़िल्मी हस्तियों जैसे कुणाल कपूर, भूमि पेडनेकर, विनीत कुमार सिंह ,आदि के उत्तराखंड के मरीजों के सहयोग में भी अपना योगदान दिया।
जनहित याचिका के माननीय हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश युक्त पीठ ने इस याचिका के स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के विषय का संज्ञान ले लिया है और सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।