बड़ी खबर : Uksssc पेपर लीक मामले में नया खुलासा: व्यापम की ब्लैकलिस्टेड कंपनी से कराई वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा..2015 के बाद की कई परीक्षाएं सवालों के घेरे में (मुख्यमंत्री धामी जांच की हामी ना भरते तो दफन हो जाते हैं भ्रष्टाचार के राज…)

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बड़ी खबर : Uksssc पेपर लीक मामले में नया खुलासा: व्यापम की ब्लैकलिस्टेड कंपनी से कराई वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा..2015 के बाद की कई परीक्षाएं सवालों के घेरे में (मुख्यमंत्री धामी जांच की हामी ना भरते तो दफन हो जाते हैं भ्रष्टाचार के राज…)

एसटीएफ की अब तक की जांच में वर्ष 2015 के बाद की कई परीक्षाएं सवालों के घेरे में आई हैं। अब तक हुए खुलासे में आयोग की घोर लापरवाही सामने आ रही है। आयोग के अधिकारियों ने परीक्षाएं कराने का जिम्मा कंपनियों को दिया और खुद गहरी नींद सो गए

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन दरोगा की ऑनलाइन परीक्षा व्यवसायिक परीक्षा मंडल, मध्य प्रदेश (व्यापम) की ब्लैकलिस्टेड कंपनी से कराई थी। एनएसईआईटी लिमिटेड कंपनी को इस परीक्षा से एक महीने पहले सितंबर 2021 में मध्य प्रदेश सरकार ने ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। कंपनी की तीन और परीक्षाओं की वहां छह महीने पहले से जांच चल रही थी। बावजूद इसके आयोग ने इसके बारे में कोई जानकारी नहीं जुटाई।

एसटीएफ की अब तक की जांच में वर्ष 2015 के बाद की कई परीक्षाएं सवालों के घेरे में आई हैं। अब तक हुए खुलासे में आयोग की घोर लापरवाही सामने आ रही है। आयोग के अधिकारियों ने परीक्षाएं कराने का जिम्मा कंपनियों को दिया और खुद गहरी नींद सो गए। स्नातक स्तरीय परीक्षा में आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन और अब वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा में एनएसईआईटी, दोनों का ही इतिहास काला रहा है।
एनएसईआईटी कंपनी के माध्यम से मध्य प्रदेश में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग और ग्रुप दो की सहायक संप्रेक्षक समेत 10 परीक्षाएं ऑनलाइन कराई थीं। ये परीक्षाएं जनवरी से फरवरी 2021 के बीच कराई गई थीं। इन पर सवाल उठे तो मध्य प्रदेश सरकार ने जांच कराई। साइबर पुलिस ने जांच के दौरान कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग और ग्रुप दो की सहायक संप्रेक्षक की परीक्षा में धांधली पाई। इसके बाद इन परीक्षाओं को रद्द कर कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया। एसटीएफ के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यह बात जांच में सामने आ चुकी है।

मध्यप्रदेश में जब जांच हुई तो पता चला कि परीक्षा केंद्रों पर पेपर को गलत तरीके से डाउनलोड कराया गया था। विस्तृत जांच में पाया गया था कि परीक्षा के लिए 10 फरवरी 2021 को दोपहर 1.30 लॉग हुआ। पेपर डाउनलोड पीईबी यानी व्यापम के कंप्यूटर से नहीं बल्कि किसी और मशीन से हुआ फिर जमकर नकल हुई। इन तीनों परीक्षाओं में मध्य प्रदेश के तीन लाख से ज्यादा अभ्यर्थी बैठे थे। इसी तरह की गड़बड़ी वन दरोगा भर्ती परीक्षा में भी हुई है।

कंपनी की भूमिका संदिग्ध है। इस मामले में जांच की जा रही है। अन्य प्रदेशों से भी इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। जांच के बाद इसमें और भी खुलासे हो सकते हैं ऐसा कहना एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह का है..

बहराल अब तो पूरा उत्तराखंड यही कह रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जांच की हामी ना भरते तो इतने बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होना मुश्किल था.. और आने वाले दिनों में कुछ और बड़े खुलासे भी प्रदेश की जनता को देखने को मिल सकते हैं ….

मुख्यमंत्री धामी साफ तौर पर कह चुके हैं कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं… और कोई भी हो कितना भी बड़ा क्यों ना हो वह सलाखों के अंदर पहुंचेगा…. कानून अपना काम कर रहा है.. जरूरत पड़ेगी तो हर जांच कराने के रास्ते आगे खुले है… ओर S T F अपना काम बहुत ईमानदारी के साथ और तेजी के साथ अपना काम कर रही है..

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