भारतीय वन्यजीव संस्थान के सरीसृप विज्ञानियों ने उत्तराखंड में पहली बार दुर्लभ प्रजाति के सांपों में शुमार ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक की खोज की है। वरिष्ठ सरीसृप विज्ञानी डॉ. अभिजीत दास की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम ने मसूरी वन्यजीव अभ्यारण्य के पास भद्रराज मंदिर के पास 1900 मीटर की ऊंचाई पर सांप को खोजा है। सरीसृप विज्ञानी इसे बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं।

भारतीय वन्यजीव संस्थान के सरीसृप विज्ञानी डॉ. अभिजीत दास के मुताबिक ब्लैकबेलीड कोरल सांप पूर्व में हिमाचल प्रदेश के सोलन में 1100 मीटर की ऊंचाई पर खोजा गया था, लेकिन उत्तराखंड में यह पहली बार है जब ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक की खोज की गई है। हालांकि, संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम को साल 2019 में नैनीताल में भी एक ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक मिला था, लेकिन वह मृत अवस्था में पाया गया था। मसूरी में पहली बार जिंदा ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक पाया गया है।

1100 से 1900 मीटर की ऊंचाइयों पर पाया जाता है स्नेक
ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक 1100 से 1900 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। इस ऊंचाई पर पाई जाने वाली वनस्पतियां और जलवायु दुर्लभ प्रजाति के इस सांप के लिए काफी मुफीद मानी जाती है। सरीसृप विज्ञानियों का कहना है कि इस सांप के बारे में अभी वैज्ञानिकों को बहुत कम जानकारी है। ऐसे में इस सांप को लेकर और अधिक अध्ययन की जरूरत है। खोज करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में सीपू कुमात, जिग्नानशू, डोलिया वर्तिका चौधरी और अमित कुमार शामिल थे।

सबसे पहले कर्नल फ्रैंकवाल ने 1908 में की थी खोज
ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक की खोज सबसे पहले 1908 में अंग्रेजी सरीसृप विज्ञानी कर्नल फ्रैंकवाल ने की थी। अभी हाल ही में सरीसृप विज्ञानियों की टीम में हिमाचल प्रदेश के सोलन में ब्लैकबेलीड कोरल स्नेक की खोज की थी।

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