उत्तराखंड में दिखने लगा हैं कठोर नकल विरोधी कानून का व्यापक परिणाम, कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से लेकर सरकारी नौकरी पाने वाले युवा, युवतियां बोल रही हैं थैंक्यू धामी जी…
मुख्यमंत्री भी दे रहे हैं सोनल, रंजन सहित नौकरी मिलने वाले सभी युवाओं को बधाई.. की उनके उज्जवल भविष्य की कामना…
बधाई हो उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जिस प्रकार भर्ती परीक्षाओं के संचालन को पारदर्शितापूर्ण बनाने के साथ साथ इनमें कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है,उसके व्यापक परिणाम दिखने लगे हैं..
आज सरकारी नौकरी न मिलने पर राज्य का युवा मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त कर रहा है, वह कह रहा है धन्यवाद धामी जी आप नकल विरोधी कानून लेकर आए.. जिसकी बदौलत पारदर्शिता आई…. वरना इस राज्य में साल लगभग 2014 से भर्तीयो के नाम पर घोटाले ही हो रहे थे..
यही नहीं काग्रेस के पूर्व नेता, हो या कार्यकर्ता.. वह भी आज धामी जी की खुले मंच से तारीफ करते नजर आ रहे हैं…
कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता पाठक ने तो यह तक कह डाला कि… धामी जी नकल रोधी कानून नहीं लाते तो राज्य के युवाओं के साथ छलावा होता ..
कांग्रेस के इन पुराने कार्यकर्ता ने यह तक कहा कि धामी जी से पहले लगातार भर्ती के नाम पर घोटाले होते थे और बैक डोर एंट्री होती थी…. ( मतलब उन्होंने पिछली कांग्रेस की सरकारों को भी इसमें दोषी ठहराया )
वहीं सरकारी नौकरी पाकर सोनल बहुत खुश है उन्होंने मुख्यमंत्री धामी का धन्यवाद अदा किया…
और नकल विरोधी कानून की जमकर तारीफ की..
वही एक खबर चमोली जिले से हैं
जहा पिता से बिछड़ने के बाद रंजन नेगी ने पटवारी /फॉरेस्ट गार्ड ,ग्राम विकास अधिकारी परीक्षाओं में हुए उत्तीर्ण पिंडर घाटी में खुशी की लहर देखने को मिल रही है.. मुख्यमंत्री धामी ने रंजन को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की
बता दे कि चमोली ग्राम जुनेर निवासी रंजन नेगी/ नवल किशोर नेगी ने सरकारी परीक्षाओं की तीन परिक्षाएं में उत्तीर्ण हुए, उनकी इस सफलता पर गांववासी व पूरे पिंडर घाटी में खुशी की लहर दौड़ रही हैं..
विगत माह पूर्व उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हजारों छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी जिसका परिणाम कुछ दिन पहले आयोग द्वारा जारी किया गया। रंजन नेगी ने एक साथ तीन सरकारी परीक्षाएं में उत्तीर्ण की है।
बता दे कि पिता से मात्र 15 साल की आयु में बिछड़े के बाद भी रंजन नेगी ने अपनी लगन, मेहनत, दृढ़ परिश्रम से अपने पिता का खोने का एहसास किसी को नहीं होने दिया और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते गए जिसका परिणाम आज सबके सामने है। रंजन की माता बिमला देवी एक कुशल ग्रहणी है, पिता के गुजर जाने के बाद माता ने बच्चों की अच्छी परवरिश कर पढा लिखाकर कर बड़ा किया।
रंजन नेगी मूल निवासी जिला चमोली गढ़वाल विकासखंड नारायणबगढ़ ब्लॉक के ग्राम जुनेर से है, उन्होंने लेखपाल/पटवारी परीक्षा के बाद फोरेस्ट गार्ड, विकास अधिकारी /ग्राम पंचायत अधिकारी की परीक्षा में उत्तीर्ण की है। रंजन नेगी की प्रारंभिक शिक्षा अपने पैतृक गांव जूनेर के प्राथमिक विद्यालय से की, इंटरमीडिएट राजकीय इंटर कॉलेज नारायणबगढ़ विज्ञान वर्ग से किया, उच्च शिक्षा डी०ए०वी कालेज देहरादून से कालेज के साथ -साथ वो सरकारी परीक्षाओं की तैयारीयों में जुटे गए। रंजन नेगी ने बताया वह प्रतिदिन 7- 8 घंटे टाइम टेबल के साथ पढ़ाई करते थे। परीक्षाओं की तैयारी करते समय आपको कठिन विषय परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है, आपको दृढ़ संकल्प निडर होकर अपनी कड़ी मेहनत बरकरार रखना है। रंजन नेगी अपने सफलता का श्रेय सबसे पहले अपनी माता को देते हैं जिन्होंने उनकी परवरिश, पालन पोषण में कोई कमी नही करी हर समय उनके साथ खड़ी रही व गुरुजनों का सहयोग भी मेरे लिए कारगर सिद्ध हुआ.. साथ ही रंजन ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री धामी जी का धन्यवाद करता हूं मुख्यमंत्री जी द्वारा जिस प्रकार भर्ती परीक्षाओं के संचालन को पारदर्शितापूर्ण बनाने के साथ साथ इनमें कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया है,उसके अब व्यापक परिणाम दिखने लगे हैं…. जिसका मैं भी एक जीता जागता उदाहरण हूं