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भ्रष्टाचार पर धामी का प्रहार…उद्यान निदेशक डा एचएस बवेजा को किया आउट….. सस्पेंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्यान निदेशक डा एचएस बवेजा को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। बवेजा के खिलाफ कीवी फल पौध वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी करने, अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने जैसे आरोप हैं

इस बारे में मिल रही शिकायतों को देखते हुए विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने पूर्व में तत्कालीन सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम से जांच कराई थी। इसके बाद फाइल मुख्यमंत्री को भेजी गई थी। बता दें कि बवेजा के खिलाफ हाईकोर्ट में भी मामला विचाराधीन है

उत्तरकाशी जिले में मुख्यमंत्री एकीकृत विकास योजना में धांधली की पुष्टि के बाद निलंबित किए गए उद्यान निदेशक डा एचएस बवेजा को शासन ने चार्जशीट भी जारी कर दी है। उन पर अनिका ट्रेडर्स को अवैधानिक लाभ पहुंचाने समेत 18 आरोप तय किए गए हैं। उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद शासन ने डा बवेजा को निलंबित करने के साथ ही सोमवार देर शाम उन्हें चार्जशीट भी जारी कर दी…

डा बवेजा पर आरोप है कि उन्होंने अनिका ट्रेडर्स एवं पौधशाला को शासकीय प्रक्रिया का अनुपालन किए बगैर लाइसेंस जारी किया। इस फर्म को 0.50 हेक्टेयर क्षेत्र की नर्सरी का लाइसेंस दिया गया, जबकि उसके पास 0.444 हेक्टेयर की लीज एग्रीमेंट की भूमि ही उपलब्ध थी। यही नहीं भूमि की लीज चार जनवरी को हुई, जबकि लाइसेंस पांच जनवरी को निर्गत किया गया। यह भी आरोप है कि लाइसेंस के आवेदन के साथ उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों की विभागीय समिति से निरीक्षण कराने तक की जरूरत नहीं समझी गई। और तो और आधे-अधूरे भरे प्रपत्रों तक का परीक्षण भी नहीं किया गया।

छह जिलों में दिया पौध आवंटन का जिम्मा चार्जशीट के अनुसार अनिका ट्रेडर्स को उत्तरकाशी के अलावा चमोली, रुदप्रयाग, चंपावत, अल्मोड़ा व नैनीताल में भी 1.5 लाख से अधिक पौध आवंटन का आदेश दिया गया था। यह उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) नियमावली का उल्लंघन है। यह भी आरोप है कि इस नियमावली में अनुबंध अथवा कांट्रेक्ट फार्मिंग का प्रविधान न होने के बावजूद इसकी अनदेखी की गई। पौधशाला के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेना अनिवार्य है।

मौके पर मिले 918 मातृ पौधे
चार्जशीट में उत्तरकाशी के डीएम की आख्या का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि अनिका ट्रेडर्स की नर्सरी के आवेदन से संबंधित अभिलेखों में नर्सरी में सेब के 1700 मातृ पौधे, कीवी के 50 व अखरोट के 20 मातृ पौधे दर्शाए गए। मौके पर केवल सेब के 918 मातृ पौधे ही पाए गए। कहा गया है कि इस फर्म ने अभी तक कोई पौध उत्पादित नहीं की है, फिर भी उसे पौध आवंटन का जिम्मा देकर नियमों व लाइसेंस की शर्तों की अनदेखी की गई और उसके स्वामी को अवैधानिक लाभ पहुंचाया गया..

कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर की जिस फर्म से अनिका ट्रेडर्स का अनुबंध है, वह कीवी, अखरोट के लिए मान्यता प्राप्त ही नहीं है। नियुक्ति के बाद से ही शुरू हो गया था विरोध हिमाचल प्रदेश के डा वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सोलन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा एचएस बवेजा को जनवरी 2021 में उत्तराखंड के उद्यान विभाग के निदेशक पद पर एक साल के लिए नियुक्ति दी गई थी।

विभाग के अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के अनुभव का हवाला देते हुए उनकी नियुक्ति का विरोध किया था। यद्यपि, वर्ष 2022 में डा बवेजा के कार्यकाल को तीन वर्ष के लिए बढ़ाया गया था। इस बीच वर्ष 2021 में सेब आदि से जुड़े अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों में स्वीकृत से अधिक धनराशि खर्च करने, हल्दी-अदरक बीज वितरण में देरी, कीवी फल पौध वितरण के लिए दरों में वृद्धि समेत अन्य आरोप भी निदेशक पर लगे थे।…
तब विभागीय मंत्री गणेश जोशी के निर्देश पर तत्कालीन सचिव से जांच कराई थी।

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