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देहरादून: पहली बार प्रशासन ने माना कि नदी किनारे रहने वाले लोगों की हालत दयनीय,घटना होने के बाद जागता है प्रशासन।

 देहरादून पहली बार प्रशासन ने माना कि नदी किनारे रहने वाले लोगों की हालत दयनीय,घटना होने के बाद जागता है प्रशासन।

 

उत्तराखंड में मानसून हमेशा ही मुश्किलें खड़ी करता है खास तौर पर नदी किनारे बसी बस्तियों के लोगों को पर अमूमन प्रशासन जब कोई घटना हो जाती है तब जागता है और तब उस जगह के लोगों की चिंता करता है इसको बाकायदा आज देहरादून के नए जिलाधिकारी ने कैमरे पर माना और कहा कि हमको पहले से ही इस सब पर काम करके तैयार रहने की जरूरत है ।

धामी सरकार बनने के बाद नोकरशाही पर लगाम लगाने के उद्देश्य से शासन स्तर पर किये गए ताबड़तोड़ ट्रांसफर में राजधानी देहरादून में तैनात किए नए युवा जिलाधिकारी के तौर पर डॉ आर राजेश कुमार को जिम्मेदारी दी गयी मंगलवार को चार्ज संभालने के बाद से ही डीएम आर राजेश हर रोज एक नई जगह औचक निरीक्षण कर रहे है । आज जिलाधिकारी ने मलिन वस्तियों का निरीक्षण किया वंहा पर फैली गंदगी को दूर करने के लिए नगर निगम को निर्देश दिए साथ ही विन्दाल पुल के पास बनी मलिन वस्तियों के पास नदी में कूड़ा कचरा देख डीएम ने सिचाई विभाग के एचओडी को फोन कर नियमित सफाई व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
– डॉ आर राजेश कुमार, डीएम देहरादून
जिलाधिकारी पहले ऐसे अधिकारी है जिन्होंने खुले तौर पर माना कि बस्तियों में रहने वाले लोगो के हालात दयनीय है और हमेशा प्रशासन देर से जागता है या कहें कि जब कोई घटना होती है उसके बाद ही प्रशासन इन जगहों पर पहुँचता है।उन्होंने कहा कि हमको पहले से ही तैयार रहने की जरूरत है जिससे किसी भी घटना से बचा जाए,और समय समय पर जैसे ही नदियों में गंदगी जमा होती है उसको साफ किया जाय जिससे बारिश के समय यहां कोई परेशानी खड़ी न हो।ये पहला मौका होगा जब किसी अधिकारी ने कैमरे पर लेट लतीफी की बात मान कर गलती स्वीकार की हो।

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