मानसिक स्वास्थ्य नीति को धामी कैबिनेट की मंजूरी, नशामुक्ति केंद्रों में नियमों के उल्लंघन पर होगी जेल
उत्तराखंड में नियमों और मानकों को ताक पर रखकर संचालित नशामुक्ति केंद्र और मनोरोगियों के लिए संस्थानों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। धामी सरकार ने राज्य मानसिक स्वास्थ्य नीति नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसमें नियमों का उल्लंघन करने वालों को दो साल का कारावास सजा और पांच लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में पांच से 50 हजार रुपये जुर्माना, दूसरी बार में दो लाख और बार-बार उल्लंघन पर पांच लाख जुर्माना किया जाएगा। बिना पंजीकृत नशामुक्ति केंद्रों में काम करने वाले कर्मचारियों पर 25 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया। यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को पहली बार में छह माह की जेल या 10 हजार रुपये जुर्माना, बार-बार उल्लंघन पर दो वर्ष की जेल या 50 हजार से पांच लाख रुपये जुर्माना किया जाएगा
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य नियमावली की मंजूरी के बाद राज्य में अब नशामुक्ति केंद्र, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के साथ मानसिक रोग विशेषज्ञ, नर्सों, मनोचिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ताओं को पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। प्रदेश में नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। इससे मानसिक रोगियों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में होने वाली घटनाओं पर रोक लगेगी।