उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश का हार्ड अटैक के चलते निधन हो गया है. दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उनकी तबीयत बिगड़ी थी। उनके निधन की खबर से उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। उनके हल्द्वानी के घर मे मातम पसरा हुआ है।

पूर्व सीएम और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इंदिरा हृदयेश के निधन पर दुख जाहिर करते हुए कहा, ‘इंदिरा बहिन जी ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई पदों को सुशोभित किया और विधायिका के कार्य में पारंगत हासिल की। बहिन जी का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है।’

बता दें कि इंदिरा हृदयेश का जन्म अयोध्या में 7 अप्रैल 1941 में हुआ था। वह एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता, विधायक और साथ ही भारत में उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की नेता रही। वह 2012 के उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में हल्द्वानी निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई थीं। वह उत्तराखंड 2012 से 2017 तक उत्तराखंड सरकार में हरीश रावत के तहत संसदीय कार्य, उच्च शिक्षा और योजना मंत्री थीं।

वर्ष विवरण                      आयोजित पद
1974-1980 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (पहला कार्यकाल)
1986-1992 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (दूसरा कार्यकाल)
1992-1998 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (तीसरा कार्यकाल)
1998-2000 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (चौथा कार्यकाल)
२०००-२००२ सदस्य अंतरिम उत्तराखंड विधान सभा
विपक्ष के नेता उत्तराखंड विधान सभा
२००२-२००७ उत्तराखंड विधान सभा के लिए चुनी गई (पहला कार्यकाल)
लोक निर्माण, संसदीय मामलों के कैबिनेट मंत्री,
राज्य संपत्ति, सूचना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी
2012-2017 उत्तराखंड विधान सभा के लिए निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल)
वित्त, वाणिज्यिक कर, टिकट और पंजीकरण के लिए कैबिनेट मंत्री,
मनोरंजन कर, संसदीय कार्य, विधायी कार्य,
चुनाव, जनगणना, भाषा, प्रोटोकॉल
2017 – अब तक उत्तराखंड विधान सभा के लिए निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल)
विपक्ष के नेता उत्तराखंड विधान सभा

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