महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में CBI ने जांच की शुरू , की एफआईआर दर्ज

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत हत्या थी या आत्महत्या, इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सीबीआई ने अब कमर कस ली है। महंत नरेंद्र गिरि की कथित मौत मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है और एजेंसी ने 6 सदस्यीय टीम का गठन किया है। सीबीआई द्वारा गठित यह टीम प्रयागराज के लिए रवाना भी हो चुकी है। महंत की कथित मौत मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, साक्ष्य और प्रयागराज पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयानों सहित मामले के दस्तावेज लेगी। दरअसल, बुधवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी।

यह मानने से इनकार करते हुए कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की थी, कई संतों ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की थी। अखाड़ा परिषद के महंत हरि गिरि ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मामले से जुड़े घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। उनके बयान के कुछ घंटों बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुधवार देर रात सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई की टीम प्रयागराज में जब छानबीन शुरू करेगी तो उसके सामने सबसे बड़ा सवाल होगा कि नरेंद्र गिरि की मौत कैसे और किन परिस्थितियों में हुई। फिलहाल, पुलिस ने उस अतिथि कक्ष को सील कर रखा है, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि का शव मिला था। माना जा रहा है कि इसी कक्ष की सीबीआई छानबीन करेगी। बताया गया कि वहां पर लगा सीसीटीवी कैमरा खराब था। इस प्रकरण में पुलिस ने न तो कोई बयान जारी किया और न ही कार्रवाई की लेकिन सीबीआई सीसीटीवी क्यों खराब था, कब से खराब था, इसकी पड़ताल करेगी। मठ के अंदर की गतिविधियां सीबीआई की जांच का हिस्सा होंगी। , सीबीआई के लिए सबसे अहम सवाल होगा नरेंद्र गिरि को डराने व धमकाने वाले उस व्यक्ति की तलाश करना जिसने कहा था कि हरिद्वार से आनंद गिरि एक महिला के साथ नरेंद्र गिरि की अश्लील वीडियो वायरल करने वाला है। आखिर वह व्यक्ति कौन है, जिसने आनंद गिरि के नाम पर नरेंद्र गिरि को इतना डरा दिया कि वह हताश हो गए और आत्मघाती कदम उठा लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भले ही फांसी की बात सामने आई है लेकिन किसी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

 

बता दें कि सोमवार को महंथ नरेंद्र गिरी मृत पाए गए थे, मगर उन्होंने आत्महत्या की थी या हत्या हुई थी, अब तक इस राज से पर्दा नहीं उठ पाया है। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में कई गिरफ्तारियां भी की हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तारकिया है। संदीप तिवारी को बुधवार की शाम गिरफ्तार किया गया था। उससे पहले महंत नरेंद्र गिरि के मामले में दो अन्य आरोपियों आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया और बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
घटनास्थल से बरामद कथित सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा था, ‘मैं बहुत दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी मौत की जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी की होगी।’ आनंद गिरि, महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं, जबकि आद्या प्रसाद तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराड में बाघंबरी मठ में उनका शव पंखे से लटका मिला था। उनके एक शिष्य ने फोन पर सूचना दी, इसके बाद पुलिस टीम पहुंची मौके पर पहुंची थी। पुलिस को महंत के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस ने सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि लगातार तनाव में रह रहे थे। अपने शिष्य आनंद गिरि से उनका पुराना विवाद भी चल रहा था। पिछले दिनों उन्होंने आनंद गिरि को मठ से अलग कर दिया था। हालांकि बाद में सुलह की बात कही गई थी।

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