Tuesday, July 1News That Matters

मछली तालाबों के ठेकों में घोटाला!!.. बाहरी ठेकेदार को काम…. मतलब उत्तराखंड के ठेकेदारों के साथ छलावा… पूरे प्रकरण पर सरकार करे जाच..

 मछली तालाबों के ठेकों में करोड़ों का घोटाला!!


आजकल एक घोटाले की सुगबुगाहट… मत्स्य अभिकरण द्वारा मत्स्य पालन के जलाशयों के ठेको में उठती दिख रही है …

सूत्र कहते हैं कि… तीन से चार बार जलाशयों के टेंडर कैंसिल होने के बाद सेटिंग गेटिंग का खेल.. खेलने वालों ने… अपने चहेते ठेकेदार को… प्रदेश की 4 जलाशय देने की तैयारी कर ली है …

खबर यह भी है कि ये चेहता ठेकेदार भी मोटी रकम लेकर इन जलाशयों को ठेके स्थानीय व्यक्ति को सबलेट कर देगा!!

ऐसी खबरें फैल रही है…

कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता का पुत्र जो कांग्रेस में शामिल है … उसका नाम इस ठेकेदार को ठेका दिलाने में चर्चाओं में आ रहा है…
और उनकी रिश्तेदारी की चर्चा धामी सरकार के एक मंत्री से भी है .

सूत्र कहते हैं कि इस ठेकेदार को .. अहर्ता दिलाने के लिए.. टेंडरों के नियम एवं शर्त में.. कई बार बदलाव किया गया….

कैच कल्टीवेशन अनुभव टर्नओवर.. इत्यादि में परिवर्तन किया गया ताकि उसको ठेका दिलाया जा सके ….

सूत्र कहते हैं कि… पिछले सालों तक यह ठेके 5 वर्षों के लिए दिए जाते थे… पर अब यह ठेके 10 साल के लिए दिए जा रहे हैं …. मतलब साफ है लंबी अवधि तक उत्तराखंड के स्थानीय लोगों को दूर करना…

अब सवाल ये उठने लगा है कि… अवधि मैं परिवर्तन का ये शासनादेश कब कैबिनेट की मंजूरी को लाया गया… या कब मुख्यमंत्री से अनुमोदन लिया गया .. अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है .

खबर है कि एक जलाशय पर मात्र एक टेंडर आया था…
बाकी पर दो दो….
ओर टिहरी जलाशय पर कोई टेंडर ही नहीं आया…. क्योंकि उसके चेहते के लिए घाटे का सौदा का था…. सुना है कि चाहते ठेकेदार के कुछ पेपर भी पूरी नहीं थे ..

अब खबर है कि 1 से 2 टेंडरों के बावजूद फि बाहरी ठेकेदार को ये ठेके देने की तैयारी है…

सवाल ये उठता है कि… क्या उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को भी बैंक गारंटी ले कर.. और कुछ शर्तों में ढील देकर यह ठेके दिए जा सकते थे .. पर ऐसा नहीं हुआ …

सवाल यहां पर सचिव पर भी खड़ा होता है कि ऐसी अनियमितता पर वह चुप क्यों हैं….??

पूरी खबर.. पर्वतजन डॉट कॉम के सोर्स से…..

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