बड़े निर्माण कार्यों को छोटे भागों में बांटने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन: महाराज

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देहरादून। प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना से स्थानीय लोगों की वित्तीय स्थिति पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसलिए स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की दृष्टि से सिंचाई विभाग के समान अन्य अभियन्त्रण विभागों में भी ने बड़े कार्यों को छोटे भागों में विभक्त किया जाना चाहिए।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि पूर्व में सिंचाई विभाग के बड़े कार्यों को अधिकतम चार भागों में विभक्त करने का सरकार द्वारा निर्णय लिया गया था। वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण स्थानीय लोगों की वित्तीय स्थिति अत्यंत खराब हुई है। इसलिए व्यवहारिकता के दृष्टिगत स्थानीय ठेकेदारों एवं सुदूर क्षेत्रों से पलायन कर आए श्रमिकों व कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समस्त अभियंत्रण विभाग द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को छोटे-छोटे भागों में, न्यूनतम 20 लाख की सीमा तक विभक्त कर स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराए जाने हेतु राज्य सरकार के विचाराधीन है।
प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उन्होने इस संबंध में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भेंट कर उन्हें एक पत्र भी सौंपा है।मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में उन्होने कहा है कि स्थानीय निवासियों के साथ-साथ सुदूर क्षेत्रों से पलायन कर आए श्रमिकों और कामगारों को समस्त अभियंत्रण विभागों में छोटे ठेकों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जाये। महाराज ने मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान कहा कि प्रदेश के सभी अभियांत्रिक विभागों द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों को छोटे-छोटे भागों न्यूनतम 20 लाख की सीमा तक विभक्त कर स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराया जाये।

कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने यह भी कहा कि विभिन्न अभियंत्रण विभागों द्वारा प्रदेश के अंतर्गत पर्वतीय, भावर एवं मैदानी क्षेत्रों में विभिन्न निर्माण कार्य निविदा प्रक्रिया के अंतर्गत ठेकेदारों के माध्यम से कराए जाते हैं। इसलिए कोरोना महामारी के चलते वर्तमान समय में पलायन एवं बेरोजगारी से निपटने एवं स्थानीय ठेकेदारों के हितों के संरक्षण हेतु आवश्यक है कि कार्यों को छोटे-छोटे भागों में विभक्त किया जाये। उन्होने कहा कि इसके लिए निविदाएं आमंत्रित करने की स्वीकृति वित्तीय अधिकारों का प्रतिनिधायन (संशोधन) के अंतर्गत सक्षम स्तर के अधिकारी द्वारा निर्धारित सीमान्तर्गत प्रदान किया जाना बेहद आवश्यक है।

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