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देहरादून से बड़ी खबर, IMA ने बाबा रामदेव के खिलाफ थाने में दी तहरीर, DGP से की इन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) उत्तराखंड की इकाई ने योग गुरु स्वामी रामदेव और बाल कृष्ण के खिलाफ उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक और देहरादून स्थित थाना कैंट में थाना प्रभारी को बुधवार देर शाम तहरीर दी है, जिसमें रामदेव के खिलाफ भारतीय चिकित्सा संघ और एलोपैथिक डॉक्टरों के खिलाफ अपमानजनक बातें कहे जाने का जिक्र करते हुए उनके खिलाफ थाने में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही है।

भारतीय चिकित्सा संघ उत्तराखंड की इकाई के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद शर्मा, सचिव डॉ. अजय खन्ना तथा कोषाध्यक्ष डॉ. संजय उप्रेती की ओर से थाना कैंट प्रभारी देहरादून को तहरीर दी गई है, जबकि भारतीय चिकित्सा संघ उत्तराखंड के वकील नीरज पांडे की ओर से पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को प्रार्थना पत्र दिया गया है। जिसमें आईएमए की ओर से स्वामी रामदेव के खिलाफ ipc की धारा 420, 440, 467 ,200, 211, 269, 270, 276, 338, 505 1(बी), 120 बी व 34 के साथ आई टी एक्ट की धारा 66 क 66 च (1) की धारा के तहत FIR दर्ज करने की माग की है।

भारतीय चिकित्सा संघ उत्तराखंड इकाई की ओर से स्वामी रामदेव को पिछले दिनों आईएमए और एलोपैथी चिकित्सकों के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कानूनी नोटिस दिया गया था जिसका कोई जवाब स्वामी रामदेव की ओर से नहीं दिया गया, जिस पर स्वामी रामदेव के खिलाफ आज भारतीय चिकित्सा संघ उत्तराखंड की ओर से पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई।

आइएमए के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि कोरोना को लेकर आम जन में व्याप्त भय का बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने अनुचित लाभ उठाया है। कोरोनिल को कोरोना की प्रभावी दवा बताकर बाजार में उतारा गया। इसमें तमाम नियम-कायदे, क्लीनिकल ट्रायल आदि की अवहेलना की गई। जब देश-विदेश के तमाम वायरोलोजिस्ट व रिसर्च संस्थान कोरोना वायरस को समझने और इसका निदान ढूंढने में असमर्थ हो रहे थे, इन्होंने दो-तीन माह के भीतर ही कथित रिसर्च व क्लिनिकल ट्रायल कर दवा भी बना ली। इसे कोरोना के उपचार में प्रभावी बता कई व्यक्तियों का जीवन खतरे में डाला है।
जन सामान्य को इस ओर जागरूक करने के लिए आइएमए ने कई स्तर पर प्रयास किए। यही कारण है कि बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण एलोपैथिक चिकित्सकों से रंजिश रखते हैं। तभी एलोपैथी चिकित्सा और चिकित्सकों को लेकर उनकी ओर से तमाम तरह के बयान दिए गए। एलोपैथी को मूखर्तापूर्ण विज्ञान तक कहा। यही नहीं वैक्सीन को लेकर भी समाज में भ्रम फैलाया। कहा कि टीके लगवाने के बाद भी कई चिकित्सकों की मौत हो गई। जिसके पीछे यह मंशा थी कि एलोपैथी को लेकर घृणा पैदा की जाए और लोग कोरोनिल खरीदने को प्रेरित हों। ऐसे में आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी एक्ट और धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।
इधर, कैंट थाना प्रभारी विद्या भूषण नेगी ने बताया कि आइएमए की ओर से शिकायत मिली है। जिसकी विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बाबा रामदेव को आइएमए की ओर से एक हजार करोड़ का मानहानि का नोटिस भी भेजा जा चुका है। वहीं आइएमए ने कोरोनिल मामले में पतंजलि का ड्रग लाइसेंस रद करने की भी मांग की थी।

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