नैनीताल: उत्तराखंड में महिला द्वारा विधायक पर यौन उत्पीड़न के मामले में आज हाईकोर्ट से विधायक को बड़ी राहत मिली है। दुष्कर्म मामले में फंसे द्वाराहाट से बीजेपी विधायक महेश नेगी की गिरफ्तारी पर कोर्ट की एकलपीठ ने रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने पीड़ित महिला को भी नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट अब सभी मामलों की सुनवाई एक साथ करेगा।

बता दें कि, विधायक महेश नेगी के खिलाफ महिला ने बीते माह 05 सितंबर को देहरादून के नेहरू काॅलोनी थाने में दुष्कर्म और धमकी के मामले में 376 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके खिलाफ महेश नेगी हाईकोर्ट पहुंचे थे। इस मामले में जांच कर रही पुलिस टीम ने शिकायत में महिला द्वारा बताये गए मसूरी और दिल्ली के होटलों में पिछले दिनों रिकॉर्ड खंगाला।

मामले में पीड़िता ने भी हाईकोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे के मामले में याचिका दायर की थी। सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने विधायक नेगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है।

बता दें कि, पिछले दिनों एक महिला ने विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर प्रदेश की सियासत को गर्मा दिया था। महिला अपनी तहरीर में आरोप लगाया था कि विधायक ने साल 2016 से उसके साथ नैनीताल, दिल्ली, मसूरी तथा देहरादून आदि अलग-अलग स्थानों पर कथित तौर पर दुष्कर्म किया। महिला ने दावा किया था कि विधायक से उसकी एक बच्ची भी है और उसका DNA टेस्ट कर सत्यता का पता लगाया जा सकता है। महिला के अनुसार, वह अपनी मां की बीमारी के इलाज के सिलसिले में विधायक से मिली थी। वहीं इससे पहले, विधायक की पत्नी रीता नेगी ने भी महिला पर अपने पति को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। रीता ने आरोप लगाया है कि महिला उनके पति को बदनाम कर रही है और पांच करोड़ रुपए मांग रही है।

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