उत्तराखंड: कोरोना जांच से बचने को वार्ड आया से घर पर कराया महिला का प्रसव, मां और बच्चे दोनों की मौत
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के
पहाड़ी जिले से दुःखद ख़बर है
बता दे कि
पहाड़ी जिले चंपावत में वार्ड आया से घर पर प्रसव कराने के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई दुःखद
ये पूरा दुःखद मामला शहर के वार्ड तीन के अंबेडकर नगर कॉलोनी का है।
ओर प्रसव कराने वाली आया संयुक्त चिकित्सालय की आउटसोर्स कर्मचारी बताई जा रही है।
ख़बर है कि अभी तक मृतका के पति कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन नवजात के साथ पत्नी की मौत से पति ओर परिवार के अन्य सदस्य सदमे में है।
इधर एसीएमओ ने मीड़िया को कहा कि मामला न तो सरकारी अस्पताल से जुड़ा है और न अब तक किसी ने शिकायत की है। शिकायत मिली तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने से पहले कोरोना जांच के झंझट से बचने के लिए उन्होंने घर में ही प्रसव कराया था इस प्रकार की ख़बर है।
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ख़बर विस्तार से आंबेडकर नगर निवासी विनोद विश्वकर्मा की 28 वर्षीय गर्भवती पत्नी सीता को बृहस्पतिवार की दोपहर लगभग एक बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर पति ने पहले से संपर्क में रही संयुक्त चिकित्सालय की एक आउटसोर्स आया को फोन किया तो वह प्रसव कराने घर आ गईं। बताया गया कि करीब दो घंटे बाद महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया, लेकिन जन्म के कुछ ही देर बाद ही शिशु की मौत हो गई।
इसके बाद प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो उसे आया की सलाह पर आनन-फानन में निजी वाहन से खटीमा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के पति विनोद के अनुसार नवजात की मौत का पता चलने पर उसकी पत्नी सीता को सदमा लगा और सदमे से ही उसकी मौत हुई है।
वही वार्ड आया के घर जाकर प्रसव कराने में नवजात और प्रसूता की मौत की घटना से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या वार्ड आया पैसे के लालच में नियम और कानून ताख पर रखकर गर्भवती महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है।
जहा एक ओर सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए सरकार मोटा बजट खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी सक्रिय हैं जो थोड़े बहुत पैसों के लिए गरीबों को झांसे में लेकर उनकी जिंदगी से खेल रहे हैं।