पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में बहे पुल गांव वालों की जान जोखिम में तो 60 से अधिक गांवों का देश दुनिया से कटा संपर्क पढ़े पूरी रिपोर्ट

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पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में बहे पुल गांव वालों की जान जोखिम में तो 60 से अधिक गांवों का देश दुनिया से कटा संपर्क पढ़े पूरी रिपोर्ट

 
अपना पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में आजकल मौसम बेहद खराब है पहाड़ी राज्य के पहाड़ी जिले पिथौरागढ़ के कुलागाड़ में पुल बहने के बाद से गाँव वाले अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है
वही भारतीय सेना के घोड़ों के लिए भूसा रस्सी के सहारे पार कर पहुंचाया जा रहा है।

तल्ला, मल्ला दारमा, तल्ला, मल्ला चौंदास और व्यास घाटी के 60 से अधिक गांवों के लोगों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है। पर्वतारोहण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था सीबीटीएस अस्थायी पुल से आवाजाही में लोगों की मदद कर रही है
आपको बता दे पांच दिन पहले उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कुलागाड़ का जलस्तर बढ़ गया था। इस कारण बीआरओ का सीसी पुल बहकर काली नदी में समा गया था।
तब यहां पर एसएसबी, ग्रिफ और भारतीय सेना की टीम ने बिजली के खंभे डालकर अस्थायी आवाजाही के लिए पुल बनाया था। ओर दो दिन पहले कुलागाड़ का जलस्तर बढ़ने के कारण वह भी बह गया। इसके बाद दूसरी जगह अस्थायी पुल बनाया गया है।

कुलागड़ में पुल बहने के कारण सीमांत के 60 से अधिक गांवों का देश दुनिया से संपर्क कट गया है। कुलागाड़ में प्रशासन की ओर से किसी भी कर्मी को तैनात नहीं करने पर लोगों ने नाराजगी प्रकट की है। इधर, लोगों को पैदल आवाजाही में दिक्कत ना हो इसके लिए लोनिवि के ठेकेदार रास्ते में सीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं। ग्रिफ के उच्च अधिकारियों का कहना है कि कुलागाड़ में बेली ब्रिज के निर्माण के लिए सामान पहुंच गया है। एक सप्ताह के भीतर पुल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
आपको बता दे कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर कुलागाड़ में पुल बहने से सर्वाधिक दिक्कतें सुरक्षा एजेंसियों को हो रही हैं
वही चीन सीमा को जोड़ने वाली तीन और ग्रामीण क्षेत्र की नौ सड़कें बंद हैं। नदियां और गाड़-गधेरे भी उफान पर हैं। इसके चलते ग्रामीणों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

चीन सीमा को जोड़ने वाली सोबला-दर-तिदांग, तवाघाट-सोबला, पिथौरागढ़-तवाघाट सड़क कई दिनों से बंद है। इस कारण चीन सीमा से संपर्क पूरी तरह कटा हुआ है। कार्यदायी संस्थाएं बीआरओ और सीपीडब्ल्यूडी बंद सड़कों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भारी बारिश के कारण उनको सड़क खोलने में दिक्कत हो रही है।
मलबे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली सिमली-बिसनी, सेला, नागलिंग, बांस-आंवलाघाट, कुसेरीबैंड-सिलौनी, बांसबगड़-गूंठी, आदिचौरा-सिन्नी, मंसूरीकांडा-होकरा, स्यांकुरी-धामीगांव, छिरकिला-जम्कू सड़क भी बंद हैं। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी सामान की दिक्कत होने लगी है। लोगों ने शीघ्र सड़कों को खोलने की मांग की है। 

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