धामी सरकार ने अंकिता के परिजनों की इच्छा से नियुक्त किया सरकारी वकील,मुख्यमंत्री धामी इस पूरे प्रकरण में शुरू से ही गंभीर और संवेदनशील रहैं

अंकिता हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री ने शुरू से ही बरती संवेदनशील और गंभीरता और विपक्ष ने सें की इस प्रकरण सिर्फ राजनीतिक रोटियां

अंकिता हत्याकांड प्रकरण पर विपक्ष की मांग को हर बार अदालत से भी लगा झटका,कांग्रेस ने इस हत्याकांड को बनाया राजनैतिक मुद्दा

 

अंकिता हत्याकांड प्रकरण पर धामी सरकार ने सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) भी अंकिता के पिता की पसंद का ही नियुक्त किया है। इतना ही नहीं हत्याकांड से संबंधित जो भी मांग समय समय पर परिजनों की ओर से की गई, उन सभी को तत्काल पूरा किया गया..

अंकिता हत्याकांड प्रकरण पर
सीएम धामी ने परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की थी व अंकिता को इंसाफ मिले इसके लिये तत्काल एसआईटी गठित की गई थी
इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और केस कोर्ट में हैं….

 

देहरादून।

उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का रवैया शुरू से ही गंभीर और संवेदनशील रहा। शुरू से ही धामी सरकार एक्शन मोड में नजर आई। सबसे पहले मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री धामी ने इस मुकदमे को राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर करवाया। वह स्वयं अंकिता के परिजनों को संबल देने उनके घर पहुंचे थे । उनके साथ हर पल हर क्षण अभिभावक की तरह खड़े रहे.. और लगातार उनके परिवार फोन पर बातचीत भी करते रहे
सीएम धामी ने परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की और अंकिता को इंसाफ मिले इसके लि ये तत्काल एसआईटी गठित की गई
वही दूसरी तरफ कभी कबार हम विपक्ष को अंकिता भंडारी हत्याकांड प्रकरण पर सड़क पर या धरने पर देख लेते हैं.. साफ जाहिर है कि कांग्रेस ने इस हत्याकांड को राजनैतिक मुद्दा बना लिया है।
और यही नहीं सरकार पर अदालत में केस की कमजोर पैरवी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि धामी सरकार ने इस मामले में सरकारी वकील (विशेष लोक अभियोजक) भी अंकिता के पिता की पसंद का ही नियुक्त किया है। इतना ही नहीं हत्याकांड से संबंधित जो भी मांग समय समय पर परिजनों की ओर से की गई, उन सभी को तत्काल पूरा किया गया..

अंकिता हत्याकांड में सरकार की ओर से जितेंद्र रावत को सरकारी वकील नियुक्त किया गया था, लेकिन अंकिता के परिजनों ने सरकारी वकील पर आरोप लगाया था कि वह अदालत में मामले की कमजोर पैरवी कर रहे हैं। इसके बाद 19 जुलाई 2023 को अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी निवासी ग्राम श्रीकोट, जिला पौड़ी गढ़वाल ने जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान को पत्र लिखकर इच्छा जताई कि वह इस मामले में अवनीश नेगी पूर्व डीजीसी क्रिमिनल को विशेष लोक अभियोजन नियुक्त करवाना चाहते हैं।
जिलाधिकारी ने इस पत्र को संस्तुति के साथ शासन में भेजा था और फिर अंकिता के पिता की इच्छा के अनुसार ही नेगी को सरकारी वकील नियुक्त किया गया। अब वही इस केस की पैरवी अदालत में करेंगे।

हम आपको एक बार फिर से बता दे कि उत्तराखंड के संवेदनशील.. मुख्यमंत्री धामी .. अंकिता हत्याकांड प्रकरण पर आरभ से ही गंभीर लेने के साथ एक्शन मोड में नजर आए
तभी तो ये पूरा मामला राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर हुआ
धामी स्वयं अंकिता के परिजनों को संबल देने उनके घर पहुंचे। और वहां भावुक दिखाई दिए… उसके बाद से प्रदेश का मुखिया धामी उनके साथ अभिभावक की तरह खड़े रहे और परिवार को 25 लाख की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। सरकार की ओर से तत्काल एसआईटी गठित की गई। वही ज़ब विपक्ष ने एसआईटी के बजाय मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की लेकिन इससे संबंधित सभी याचिकों को हाईकोर्ट नैनीताल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एसआईटी सही दिशा में काम कर रही है। बहरहाल कुल मिलाकर देखा जाए तो इस मामले में विपक्ष को कोर्ट से झटका लगा…

थोड़ा एक बार फिर से पिछे जाइए
19 साल की अंकिता लक्ष्मण झूला इलाक़े में वनंतारा रिसॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट थीं।

अंकिता को आखिरी बार पुलकित आर्य के साथ रिसॉर्ट में 18 सितंबर 2022 को देखा गया था
, जबकि उनका शव छह दिन बाद 24 सितंबर को चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर से पुलिस ने बरामद किया था।
इस दौरान मुख्य आरोपी पुलकित ने खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए रेवेन्यू विभाग में अंकिता के गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी।

अंकिता के परिवार वालों का आरोप था कि इस मामले में राजस्व पुलिस पहले हाथ पर हाथ धरे बैठी रही..
जब इस बात की जानकारी सीएम धामी तक पहुंची तो उनहोने
22 सितंबर को इस मामले को नियमित पुलिस के हवाले करने के निर्देश दिए
और तब से अब तक इस मामले में अपडेट यही हैं की चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और केस कोर्ट में हैं…. अंकिता के परिजनों के संपर्क में स्वयं मुख्यमंत्री धामी हैं..
और विपक्ष के पास राज्य में कोई मुद्दा नहीं हैं इसलिए जब जब उन्हें याद आए.. वो इस प्रकरण पर राजनीतिक रोटियां सेकते नजर आते हैं और आगे भी आएंगे….

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